CWC की बैठक से निकलेगा कांग्रेस की आंतरिक कलह का हल? हो सकती है संगठनात्मक चुनाव की घोषणा

देश
गौरव श्रीवास्तव
गौरव श्रीवास्तव | कॉरेस्पोंडेंट
Updated Oct 14, 2021 | 08:26 IST

Congress Crisis : राहुल गांधी के इस्तीफे के बाद कांग्रेस का पिछले 2 साल से कोई स्थायी अध्यक्ष ही नहीं है। फिलहाल सोनिया गांधी कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में कांग्रेस की कमान संभाल रही हैं।

CWC meeting to solve Congress internal problems? congress may annaounce its organisational poll
पिछले दो साल से कांग्रेस के पास स्थायी अध्यक्ष नहीं है।  |  तस्वीर साभार: PTI

कांग्रेस पार्टी इस वक्त अपने ही नेताओं की नाराजगी से जूझ रही है। कैप्टन अमरिंदर सिंह के पार्टी छोड़ने के बाद कांग्रेस के असंतुष्ट नेताओं के ग्रुप-23 ने अपनी नाराजगी जता दी। वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर पार्टी में संगठन के स्तर पर सुधार की मांग की थी। वहीं पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके पंजाब में उठापटक पर कई सवाल उठाए थे, जिसके बाद पार्टी के कार्यकर्ताओं ने उनके घर पर टमाटर फेंककर विरोध किया था। इन सबके बाद अब संकेत ये मिल रहे हैं कि 16 अक्टूबर को होने वाली कांग्रेस वर्किंग कमिटी की बैठक में पार्टी के आंतरिक चुनावों को लेकर घोषणा हो सकती है।

कोरोना के नाम पर टलती रही है अध्यक्ष चुनने की प्रक्रिया

इसी साल जनवरी में कांग्रेस ने एलान किया था कि 5 राज्यों के चुनाव के बाद जून के आखिरी तक पार्टी को नया अध्यक्ष मिल जाएगा। लेकिन कोरोना के नाम पर नए अध्यक्ष को चुनने की प्रक्रिया टलती रही और दूसरी तरफ विधानसभा चुनावों में खराब प्रदर्शन और कुछ राज्यों में सरकार होने के बावजूद पैदा हुई राजनीतिक अस्थिरता के बाद पार्टी में बदलाव की मांग भी तेज होती गई।

2 साल से कोई स्थायी कांग्रेस अध्यक्ष नहीं

आपको बता दें कि राहुल गांधी के इस्तीफे के बाद कांग्रेस का पिछले 2 साल से कोई स्थायी अध्यक्ष ही नहीं है। फिलहाल सोनिया गांधी कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में कांग्रेस की कमान संभाल रही हैं। हालांकि G-23 के तमाम नेता कपिल सिब्बल, आज़ाद से लेकर मुकुल वासनिक सवाल खड़े कर चुके हैं कि पार्टी में फैसले कौन ले रहा है ये पता नहीं लगता है।

G-23 के असंतुष्ट नेताओं ने पार्टी में बदलाव के लिए लिखी चिट्ठी

कांग्रेस पार्टी के अंदरूनी कलह की सबसे बड़ी खबर तब आयी थी जब 23 नेताओं ने नाराज होकर एक चिट्ठी सोनिया गांधी को लिखी थी। इन 23 नेताओं में 5 पूर्व मुख्यमंत्री, कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्य और तमाम पूर्व केंद्रीय मंत्री शामिल थे। इनका कहना था कि पार्टी में बड़े बदलाव कर कांग्रेस को हो रहे नुकसान से बचाया जाए। इन्हीं 23 नेताओं को G-23 कहा गया। लेकिन इस चिट्ठी को लिखे भी 1 साल से ऊपर बीत चुके हैं। अगर पार्टी में बदलाव में और वक़्त लगता है तो ये देखना भी दिलचस्प होगा कि इन नेताओं का रुख क्या होता है। वहीं बदलाव का इंतज़ार करते-करते जितिन प्रसाद, ज्योतिरादित्य सिंधिया, कैप्टन अमरिंदर सिंह पार्टी का साथ छोड़ गए और कई अभी भी नाराज़ बैठे हैं।

आजाद को कांग्रेस ने दी है नई जिम्मेदारी

सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखे जाने के बाद असन्तुष्ट नेताओं को साधने की भी कोशिश हुई। जिसमें सबसे बड़ा नाम जम्मू-कश्मीर से आने वाले बड़े नेता गुलाम नबी आजाद का है। आज़ाद को न सिर्फ राष्ट्रपति के पास जाने वाले प्रतिनिधिमण्डल में जगह दी गयी बल्कि उन्हें कोरोना राहत टास्क फोर्स की भी जिम्मेदारी दी गयी। वहीं बदलाव का इंतज़ार करते-करते जितिन प्रसाद, ज्योतिरादित्य सिंधिया, कैप्टन अमरिंदर सिंह पार्टी का साथ छोड़ गए और कई अभी भी नाराज़ बैठे हैं।

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