भारत सीमा पर स्थिति का सामना दृढ़ता से कर रहा, सीमावर्ती इलाकों में हो रहा विकास: राजनाथ सिंह

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Updated Oct 12, 2020 | 19:10 IST

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि पहले पाकिस्तान और अब चीन। ऐसा लगता है कि एक अभियान के तहत सीमा विवाद पैदा किए गए हैं। इन देशों के साथ हमारी करीब 7000 किलोमीटर लंबी सीमा है, जहां तनाव जारी है।

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राजनाथ सिंह, रक्षा मंत्री 

नई दिल्ली: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को कहा कि पाकिस्तान के बाद चीन भारत के साथ सीमा विवाद को इस तरह खड़ा कर रहा है, मानों यह किसी 'अभियान' के तहत किया जा रहा है। भारत और चीन के सैनिकों के बीच पांच महीने से ज्यादा समय से पूर्वी लद्दाख में गतिरोध जारी है। रक्षा मंत्री ने 44 पुलों का उद्धाटन करने के बाद एक ऑनलाइन कार्यक्रम में कहा कि भारत सीमा पर स्थिति का न केवल दृढ़ता से सामना कर रहा है, बल्कि वह सीमावर्ती इलाकों में विकास भी कर रहा है।

सिंह ने कहा, 'आप हमारी उत्तरी और पूर्वी सीमाओं पर बनाई गई स्थिति से परिचित हैं। पहले पाकिस्तान और अब चीन। ऐसा लगता है कि एक अभियान के तहत सीमा विवाद पैदा किए गए हैं। इन देशों के साथ हमारी करीब 7000 किलोमीटर लंबी सीमा है, जहां तनाव जारी है।' सिंह लद्दाख, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब और जम्मू-कश्मीर के रणनीतिक रूप से अहम क्षेत्रों में बनाए गए पुलों का उद्घाटन करने के बाद बोल रहे थे।

अधिकारियों ने बताया कि इनमें से अधिकतर पुलों से लद्दाख, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश सेक्टरों में चीन से लगती सीमा पर सैनिकों की आवाजाही में काफी सुधार होने की उम्मीद है। भारत और चीन ने सीमा पर गतिरोध का समाधान करने के लिए राजनयिक और सैन्य स्तर की कई वार्ताएं की हैं, लेकिन तनाव को कम करने को लेकर अबतक कामयाबी नहीं मिली है। सिंह ने कहा कि कोविड-19 के चुनौतिपूर्ण समय में और सीमा पर तनाव तथा पाकिस्तान एवं चीन द्वारा बनाए गए विवाद के बावजूद, भारत न केवल उनका दृढ़ता से सामना कर रहा है बल्कि विकास के सभी क्षेत्रों में ऐतिहासिक बदलाव ला रहा है।

रक्षा मंत्री ने अरूणाचल प्रदेश में नेचिफू सुरंग की आधारशिला रखी। इस 450 मीटर लंबी सुरंग से नेचिफू पास के पार सभी मौसम में संपर्क सुनिश्चित होगा। इन पुलों में 10 जम्मू-कश्मीर में, आठ लद्दाख में, दो हिमाचल प्रदेश में, पंजाब और सिक्किम में चार-चार तथा उत्तराखंड एवं अरूणाचल प्रदेश में आठ-आठ पुल हैं। अपने संबोधन में सिंह ने सरहदी इलाकों में अवसंरचना में सुधार की उपलब्धि के लिए सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) की तारीफ की और कहा कि एक बार में 44 पुलों को समर्पित करना अपने आप में एक रिकॉर्ड है। उन्होंने कहा कि बीआरओ का वार्षिक बजट 2008 से 2016 के बीच 3,300 करोड़ रुपए से 4,600 करोड़ रुपए का था। 2021 में 11,000 करोड़ से ज्यादा का हो गया है। सिंह ने कहा कि कोविड-19 के बावजूद इस बजट में कोई कमी नहीं की गई।

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