बेंगलुरु : देश में कोरोना संकट और अम्फान से पूरब के तटवर्ती इलाकों में तबाही के बीच बेंगलुरु में बुधवार दोपहर उस वक्त लोगों में घबराहट पैदा हो गई, जब शहर के कई हिस्सों में लोगों ने एक जोरदार गरज सुनी। इसे भूकंप तक बताया गया। हालांकि अधिकारियों ने कुछ ही क्षणों बाद इसके भूकंप होने की संभावना से इनकार कर दिया था। इसे लेकर लगाई जा रही तमाम अटकलों के बीच अब इस पर रक्षा मंत्रालय की ओर से स्पष्टीकरण आया है।
रक्षा मंत्रालय ने कहा कि बेंगलुरु में बुधवार दोपहर जो तेज आवाज सुनी गई, उसका संबंध संभवत: भारतीय वायुसेना (IAF) के 'सुपरसोनिक प्रोफाइल' विमान की नियमित जांच से है। यह वायुसेना की एक रूटीन टेस्ट फ्लाइट थी, जिसने बेंगलुरु एयरपोर्ट से उड़ान भरी थी और इसके लिए जिस एयर स्पेस का आवंटन किया गया था, उसी में इसने उड़ान पूरी की। विमान एयरक्राफ्ट सिस्टम्स एंड टेस्टिंग एस्टाब्लिशमेंट (ASTE) से संबंधित था, जिससे संबद्ध टेस्ट पायलट और फ्लाइट टेस्ट इंजीनियर्स नियमित तौर पर सभी विमानों की जांच करते हैं।
समचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, रक्षा मंत्रालय के एक प्रवक्ता की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि तेज आवाज संभवत: उस वक्त सुनी गई, जब विमान करीब 36,000 से 40,000 फीट की ऊंचाई पर सुपर सोनिक से सब सोनिक स्पीड में अपनी रफ्तार धीमी कर रहा था। जब ऐसा हुआ, उस वक्त विमान शहर के दायरे से काफी दूर था। इस तरह की तेज आवाज किसी के द्वारा तब भी सुनी जा सकती है, जब विमान उससे करीब 65 से 80 किलोमीटर दूर हो।
रक्षा मंत्रालय की ओर से आया यह स्पष्टीकरण बेंगलुरु में सुनी गई तेज आवाज को लेकर लगाई जा रही तमाम अटकलों के बीच आया है। सोशल मीडिया पर दोपहर बाद ही यह छाया रहा और लोग इसे लेकर तरह-तरह की चर्चा करते रहे।
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