दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में पीएम 2.5 का स्तर खतरनाक श्रेणी की सीमा के पार चला गया है, और दो दिनों के ब्रेक के बाद ऑड-ईवन एक बार फिर दिल्ली की सड़कों पर लागू है। सवाल ये है कि क्या ऑड-ईवन की तारीख 15 नवंबर के बाद बढ़ाई जाएगी। इस सवाल के जवाब में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि जरूरत पड़ने पर बढ़ाया जा सकता है। ये बात अलग है कि इस विषय पर सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार से कुछ तीखे सवाल किए।
ऑड-ईवन पर सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार से जवाब तलब किया है। अदालत की तरफ से सवाल था कि इस स्कीम के लागू होने के बाद प्रदूषण के स्तर में कितना बदलाव आया है। इसके साथ ही सीपीसीबी से पिछले साल एक अक्टूबर से 31 दिसबंर के बीच प्रदूषण स्तर के बारे में भी रिपोर्ट मांगा है।
ऑड- ईवन की योजना पर एक वकील संजीव कुमार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी और दिल्ली सरकार के फैसले की आलोचना की थी। उन्होंने कहा था कि जिस तरह से गाड़ियों का बंटवारा किया गया था वो गैरकानूनी है। इस मामले में अदालत में अब 15 नवंबर को सुनवाई होगी।
10 अक्टूबर से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में इजाफे पर सीएम अरविंद केजरीवाल ने एक बार फिर पंजाब और हरियाणा में पराली जलाए जाने को जिम्मेदार बताया। उन्होंने कहा कि दिल्ली में प्रदूषण की समस्या के लिए पराली का जलाया जाना ही जिम्मेदार है।
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