हरियाणा में स्टांप ड्यूटी की चोरी और फंस गए केजरीवाल? जानें पूरा विवाद जिसपर LG करवा रहे हैं जांच!

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शिशुपाल कुमार
शिशुपाल कुमार | Principal Correspondent
Updated Sep 08, 2022 | 22:58 IST

बीजेपी ने भी इस स्टांप ड्यूटी विवाद को लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। उसने कहा है कि केजरीवाल ने चुनाव आयोग के हलफनामे में भी झूठ बोला है।

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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर गंभीर आरोप  |  तस्वीर साभार: PTI
मुख्य बातें
  • हरियााणा में सीएम केजरीवाल ने बेचा था प्लॉट
  • इसी प्लॉट की बिक्री में हेरफेर का लगा है आरोप
  • दिल्ली के एलजी को मिली थी शिकायत

दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल एक नई मुसीबत में घिरते दिख रहे हैं। अभी तक केजरीवाल के मंत्री पर घोटालों के आरोप लग रहे थे, अब एक हेरफेर के मामले में सीधे उनका नाम सामने आ रहा है। केजरीवाल पर आरोप लगा है कि उन्होंने स्टांप ड्यूटी की चोरी की है।

क्या है मामला

दिल्ली लोकायुक्त को दिल्ली के मुख्यमंत्री के खिलाफ एक शिकायत मिली है। इसमें दावा किया गया है कि उन्होंने 4.54 करोड़ रुपये में तीन प्लॉट बेचे, लेकिन कागजों पर इसकी कीमत सिर्फ 72.72 लाख रुपये दिखाई गई है। जमीन हरियाणा में बेची गई है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, शिकायत में दावा किया गया है कि केजरीवाल ने फरवरी 2021 में अपनी पत्नी सुनीता केजरीवाल के जरिए 45,000 रुपये प्रति वर्ग गज की दर से प्लॉट बेचे। हालांकि कागजों पर उन्होंने सिर्फ 8300 रुपये प्रति वर्ग गज दिखाया है।

LG का एक्शन 

एलजी ने इस शिकायत पत्र को आगे की आवश्यक कार्रवाई के लिए दिल्ली के मुख्य सचिव के पास भेज दिया है। अधिकारियों ने कहा कि एलजी को 28 अगस्त, 2022 को मुख्यमंत्री के खिलाफ शिकायत की एक प्रति प्राप्त हुई थी, जिसमें जांच की मांग की गई थी। शिकायतकर्ता ने तीन बिक्री के कागजात भी साथ में भेजे हैं। शिकायत में आरोप लगाया गया कि यह "दिल्ली के मुख्यमंत्री के खिलाफ स्टांप शुल्क, आयकर, पूंजीगत लाभ कर और जालसाजी की चोरी का स्पष्ट मामला है"। शिकायत में एलजी से संबंधित एजेंसियों की मदद से मामले की जल्द से जल्द जांच कराने का आग्रह किया गया है।

AAP ने क्या कहा

इन आरोपों  पर केजरीवाल की तरफ से कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। वहीं आप की ओर से कहा गया है कि इन आरोपों का कोई आधार नहीं है। यह केजरीवाल की पुश्तैनी जमीन है और इसे कलेक्टर रेट के हिसाब से बेचा गया है। कलेक्टर दर के अनुसार स्टांप शुल्क की पूरी राशि का भुगतान कर दिया गया है। किसी भी गलत काम का सवाल कहां है? हालांकि, एलजी चाहें तो सीबीआई, ईडी या कोई अन्य जांच करा सकते हैं।

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