नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा चुनाव की 70 सीटों के लिए 8 फरवरी को हुए मतदान के बाद जैसे ही एक्जिट पोल के नतीजे आए उससे एक ही बात निकलकर सामने आई। 7 महीने पहले नरेंद्र मोदी को दोबारा प्रधानमंत्री बनाने का फैसला करते हुए 7 में से सात सीट जिताने वाली राजधानी की जनता ने विधानसभा में केजरीवाल को अपनी पहली पसंद बनाया है।
टाइम्स नाउ के एक्जिट पोल के नतीजों के मुताबित दिल्ली विधानसभा के लिए पड़े कुल मत में से 51 प्रतिशत आप के पाले में गया है जबकि भाजपा के पाले में 40.5 प्रतिशत वोट गया है। ऐसे में सत्तारूढ़ आप को 70 में स 44 सीट और भाजपा को 26 सीट मिलती दिख रही हैं। जबकि कांग्रेस और अन्य के खाता इस बार भी नहीं खुल सकेगा। पिछली बार की तरह सीटों का आप और भाजपा के बीच बटवारा हो जाएगा। साल 2015 में आम आदमी पार्टी को तकरीबन 54.3 प्रतिशत वोट मिले थे और उसने 67 सीटें अपने नाम की थी। वहीं भाजपा को 32.2 प्रतिशत वोट मिले थे और वो केवल 3 सीट अपने नाम करने में सफल हुई थी।
लोकसभा चुनाव में भाजपा को मिले थे 56 प्रतिशत मत
मई 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी सात में से एक भी सीट नहीं जीत पाई थी। लोकसभा चुनाव में 60.6 प्रतिशत मतदाताओं नें अपने मत का प्रयोग किया था। इसमें से सबसे ज्यादा 56.86 प्रतिशत वोट भाजपा को मिले थे और उसने सात की सात सीटों पर कब्जा किया था। वहीं राज्य की सत्ता पर 67 सीट के साथ काबिज आम आदमी पार्टी के पाले में 18.2 प्रतिशत वोट गए थे और वो एक भी सीट नहीं जीत पाई थी। वहीं सबसे ज्यादा रोचक बात यह थी कि कांग्रेस पार्टी को आप से ज्यादा 22.63 प्रतिशत वोट मिले थे।
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