मानहानि केस में केजरीवाल-सिसोदिया बरीः भगवान, ईमानदारी और सत्य का जिक्र कर बोले डिप्टी CM- न टिकेंगे झूठे आरोप

देश
अभिषेक गुप्ता
अभिषेक गुप्ता | Principal Correspondent
Updated Aug 20, 2022 | 19:09 IST

राउज एवेन्यू कोर्ट के मजिस्ट्रेट विधि गुप्ता आनंद ने राजनेताओं को बरी करने का आदेश दिया।

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दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल और डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया।  |  तस्वीर साभार: ANI
मुख्य बातें
  • 'खारिज होगा हम पर किया हर मुकदमा'
  • कोर्ट ने योगेंद्र यादव को भी किया बरी
  • वकील ने किया था मानहानि का केस

मानहानि के एक मामले में शनिवार (20 अगस्त, 2022) को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को बड़ी राहत मिली। दिल्ली हाईकोर्ट ने दोनों को इस केस में बरी कर दिया। कोर्ट के फैसले के बाद सिसोदिया ने कहा कि उनके खिलाफ झूठे आरोप कहीं नहीं टिकेंगे।

सिसोदिया ने इस बाबत ट्वीट किया, "हमारे खिलाफ लगाया गया कोई भी झूठा आरोप नहीं टिकेगा, हमारे ऊपर किया गया हर मुकदमा ख़ारिज किया जाएगा। भगवान हमारे साथ है.. हम ईमानदारी से काम करते जाएंगे, इनकी हर साजिश फेल होगी और सत्य की हमेशा जीत होगी।।" 

राउज एवेन्यू कोर्ट ने इस केस में सीएम-डिप्टी सीएम के साथ आम आदमी पार्टी (आप) के पूर्व नेता योगेंद्र यादव को बरी किया। यह मामला साल 2013 के विधानसभा चुनाव से जुड़ा है, जिसे लेकर एक वकील ने तीनों के खिलाफ आपराधिक मानहानि दायर की थी। अदालत के मजिस्ट्रेट विधि गुप्ता आनंद ने राजनेताओं को बरी करने का आदेश दिया। हालांकि, विस्तृत आदेश बाद में दिन में मुहैया कराया जाएगा। 

दरअसल, वकील सुरेंद्र शर्मा ने दावा किया था कि आप की उनकी उम्मीदवारी 2013 में आखिरी समय में रद्द कर दी गई थी। शर्मा का आरोप था कि 2013 में आप ने उनसे संपर्क किया और उन्हें पार्टी के टिकट पर दिल्ली में विस चुनाव लड़ने के लिए कहा था। यह भी कहा गया था कि केजरीवाल उनके काम से खुश हैं।

सिसोदिया और यादव ने कथित तौर पर उन्हें बताया कि आप की सियासी मामलों की समिति ने उन्हें टिकट देने का फैसला किया था, जिसके बाद उन्होंने चुनाव लड़ने के लिए आवेदन पत्र भी भरा। वैसे, बाद में उन्हें टिकट देने से इन्कार कर दिया गया था। शिकायतकर्ता का दावा था कि 14 अक्टूबर, 2013 को अखबारों में लेखों में 'आरोपी व्यक्तियों की ओर से उनके खिलाफ इस्तेमाल किए गए अपमानजनक, गैरकानूनी और अपमानजनक शब्द' थे, जिसने बार और समाज में उनकी प्रतिष्ठा को धूमिल किया। 

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