नई दिल्ली: लॉकडाउन के कारण दूसरों राज्यों में फंसे लाखों प्रवासी मजदूर पैदल ही अपने-अपने राज्यों की ओर चल रहे हैं। पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष और सांसद राहुल गांधी ने दिल्ली के सुखदेव विहार फ्लाईओवर पर ऐसे ही अपने घरों की ओर पैदल जा रहे प्रवासी मजदूरों से बात की। पार्टी के स्वयंसेवकों ने बाद में मजदूरों को उनके घरों तक ले जाने के लिए वाहनों की व्यवस्था की। एक मजदूर मोनू ने कहा, 'हम हरियाणा से आ रहे हैं और झांसी जाना है।' अन्य प्रवासी मजदूर देवेंद्र ने कहा कि राहुल गांधी आए और हमसे आधे घंटा पहले मिले। उन्होंने हमारे लिए वाहन बुक किया और कहा कि वह हमें हमारे घरों तक छोड़ देगा। उन्होंने हमें भोजन, पानी और मास्क दिया।'
वहीं दिल्ली कांग्रेस के अनिल चौधरी ने कहा, 'हमें पता चला कि उन्हें हिरासत में लिया जा रहा है। राहुल गांधी आए और उनसे मिले। हमने पुलिस से बात की जिसके बाद वे सहमत हुए कि वे 2 लोगों को एक साथ जाने देंगे। हमारे स्वयंसेवक अब उन्हें उनके घरों तक ले जा रहे हैं। हम 2 लोगों को एक साथ भेज रहे हैं।'
पुलिस सूत्रों का कहना है कि यह गलत सूचना है कि राहुल गांधी से मिलने वाले प्रवासियों को पुलिस ने हिरासत में लिया था। नियमों के अनुसार उन्हें एक बड़े समूह के रूप में वाहन पर चढ़ने की अनुमति नहीं थी, जो कुछ कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने पेश किया था।
कांग्रेस ने ट्वीट कर कहा, 'लोगों के दर्द को केवल उन नेताओं द्वारा समझा जा सकता है, जो केयर करते हैं। यहां श्री राहुल गांधी की दिल्ली में प्रवासी मजदूरों के साथ बातचीत की कुछ झलकियां हैं।'
इससे पहले शनिवार को ही एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए राहुल गांधी ने कहा, 'जब बच्चों को चोट पहुंचती है, तो मां उनको कर्जा नहीं देती, बल्कि राहत के लिए तुरंत मदद देती है। कर्ज का पैकेज नहीं होना चाहिए था, बल्कि किसान, मजदूरों की जेब में तुरंत पैसे दिए जाने की आवश्यकता है। जो प्रवासी मजदूर सड़क पर चल रहा है; जो किसान तड़प रहा है, उसको कर्ज की नहीं, पैसों की जरूरत है।'
उन्होंने कहा कि आज हमारी जनता को पैसे की जरूरत है। प्रधानमंत्री जी इस पैकेज पर पुनर्विचार करें। प्रत्यक्ष नकद हस्तांतरण, मनरेगा के कार्य दिवस 200 दिन, किसानों को पैसा आदि के बारे में मोदी जी विचार करें, क्योंकि ये सब हिंदुस्तान का भविष्य है। प्रवासी मजदूरों की समस्या बहुत बड़ी है। हम सबको इनकी मदद करनी है। भाजपा सरकार में है, उनके पास मदद के ज्यादा तरीके हैं।
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