Delhi Violence: नफरत की आग में जल रहा था चांद बाग, लेकिन हिंदू और मुसलमान जब एक साथ इकट्ठा हुए तो...

देश
ललित राय
Updated Feb 28, 2020 | 01:25 IST

उत्तर पूर्वी दिल्ली का चांद बाग इलाका जल रहा था।लेकिन कुछ ऐसे हिंदू और मुस्लिम समाज से लोग सामने आए जिनके लिए मंदिर सिर्फ मंदिर नहीं बल्कि प्रतिष्ठा का इमारत थी और उन लोगों ने जान की परवाह न करते हुए हिफाजत की।

Delhi Violence: नफरत की आग में  जल रहा था चांद बाग, लेकिन हिंदू और मुसलमान जब एक साथ इकट्ठा हुए तो...
उत्तर पूर्वी दिल्ली में हिंसा के बीच चांद बाग में सौहार्द की मिसाल की गई पेश 
मुख्य बातें
  • दिल्ली हिंसा में अब तक 38 लोगों की मौत, सबसे ज्यादा मौत जीटीबी अस्पताल
  • चांद बाग इलाके में एक तरफ थी आग दूसरी तरफ लोगों ने सौहार्द की मिसाल पेश की
  • दिल्ली हिंसा की जांच के लिए गठित की गई एसआईटी की दो टीमें

नई दिल्ली। रविवार को उत्तर पूर्वी दिल्ली के कुछ इलाके नफरत की आग में जल उठे। रविवार के पहले तो जो लोग कांधे से कांधा मिलाकर चलते थे उनके मन में अविश्वास की एक ऐसी चिंगारी को सुलगाया गया कि देखते ही देखते जाफरबाद, मौजपुर, चांद बाग, कर्दमुपरी, ब्रह्मपुरी करावल नगर भजनपुरा जैसे इलाके हिंसा की चपेट में आ गए। नफरत की आग में अब तक 38 लोग अलग अलग अस्पतालों में झुलस कर जान गंवा बैठे और सैकड़ों लोग इलाज करा रहे हैं।

मुआवजे से क्या होगा
सरकार की तरफ से मुआवजे का ऐलान हो चुका है। हो सकता है समय के साथ नफरत की आग पर प्यार का मरहम काम कर जाए। लेकिन विश्वाल बहाल होने में दशकों लगेंगे। लेकिन इन सबके बीच हिंसा की आग में झुलस रहे चांद बाग से एक ऐसी खबर आई जो नफरत फैलाने वालों की गाल पर तमाचे से कम नहीं है। 

जल रहा था चांद बाग लेकिन
चांद बाग जल रहा था, उन सबके बीच श्री दुर्गा फकीरी मंदिर की हिफाजत के लिए लोगों ने मानव श्रृंखला बनाई जिसमें हिंदू और मुस्लिम दोनों शामिल थे। मंदिर के पुजारी ओम प्रकाश बताते हैं कि स्थानीय लोग चाहे वो मुसलमान हों या हिंदू हर कोई सतर्क था। उनकी जिम्मेदारी थी कि कोई बाहरी शख्स माहौल को खराब न कर सके। 

न आसिफ डरे न ओमप्रकाश
चांद बाग के रहने वाले आसिफ का कहना है कि मंदिर की हिफाजत हमारे लिए प्राथमिकता थी, हमारी कोशिश थी कि कोई भी बाहरी शख्स बदनीयती के साथ मंदिर की तरफ न फटके। पत्थरबाजों की तरफ से पथराव में हमारे कई साथी घायल हुए। लेकिन हम भी सतर्क थे कि किसी को घुसने नहीं देंगे, क्योंकि यह सिर्फ मंदिर का मसला नहीं था, बल्तक हमारे लिए सम्मान का विषय था। सवाल यह है कि आखिर वो कौन लोग है जो टनों विष पी कर दिल और दिमाग को जहरीला बना लेते हैं और मौके की तलाश में रहते हैं कि वो जहर उगल और उड़ेल सकें। 

मानवता की तस्वीर
यह तस्वीर गुरु तेग बहादुर अस्पताल की है जहां पर अस्पताल में भर्ती तीमारदारों के लिए स्थानीय लोगों ने खाने की व्यवस्था की। तीमारदारों को खान परोस रहे स्थानीय लोगों ने कहा कि नफरत की आग फैलाने वालों को यह करारा जवाब है। जो लोग यह सोचते हैं कि वो सियासत की रोटी नफरत की भट्ठी पर सेकेंगे वो उनकी गलतफहमी है। 

दिल्ली में पिछले दो दिन से शांति है। लेकिन सीएए के विरोध और समर्थन में लोग क्या उतरे कि एक दूसरे के खून के प्यासे हो गए। अब तक 38 लोगों के घरों के चिराग बुझ चुके हैं तो दूसरी तरफ पथरायी आंखें अपने लख्तेजिगर को देखने की बांट जोह रही हैं। हिंसा प्रभावित इलाकों के सभी लोगों का एक ही दर्द है कि आखिर किसको क्या मिला।

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