ब्रिटेन में कोरोना से मचा कोहराम, भारत ने विदेश से आने वाले यात्रियों के लिए जारी की नई गाइडलाइंस

ब्रिटेन में कोविड के लगातार बढ़ रहे मामलों को लेकर भारत सरकार भी सतर्क हो गई है। सरकार ने विदेश से आने वाले यात्रियों के लिए कोविड की नई गाइडलाइंस तय की है।

Delta Plus Variant created chaos in Britain, India issued New COVID guidelines for International Arrivals
ब्रिटेन में कोरोना का कहर, भारत ने जारी की नई गाइडलाइंस  |  तस्वीर साभार: BCCL
मुख्य बातें
  • विदेश से आने वाले यात्रियों के लिए भारत ने जारी की नई कोविड गाइडलाइंस
  • नेगेटिव आरटी-पीसीआर टेस्ट रिपोर्ट दिखाना होगा सभी यात्रियों के लिए जरूरी
  • ब्रिटेन में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए लिया गया फैसला

नई दिल्ली: विदेश से भारत आने वाले यात्रियों के लिए सरकार ने नई गाइडलाइंस जारी कर दी। इस गाइडलाइंस के मुताबिक, भारत आने वाले सभी अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए नेगेटिव आरटी-पीसीआर टेस्ट रिपोर्ट दिखाना अनिवार्य होगा। दरअसल, ब्रिटेन में कोरोना के डेल्टा वेरिएंट का म्यूटेशन वर्जन कोहराम मचा रहा है। 11 अक्टूबर के बाद से वहां प्रतिदिन 40 हजार के ज्यादा कोरोना के मामले दर्ज किए जा रहे हैं,  ऐसे में इसका असर भारत पर न हो इसलिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने 48 घंटे पहले के आरटी-पीसीआर टेस्ट को अनिवार्य कर दिया है।

ब्रिटेन में लगातार बढ़ रहे हैं कोविड के केस

 सरकार ने नियमों को लेकर सख्ती भी की है। जो भी यात्री इन नियमों का उल्लंघन करेगा उस पर कड़ा एक्शन लिया जा सकता है। कोरोना संक्रमण के चलते 23 मार्च 2020 से अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर रोक लगाई गई थी, लेकिन मई 2020 से वंदे भारत मिशन के तहत विशेष अंतरराष्ट्रीय उड़ानों का परिचालन हो रहा है। आपको बता दें कि ब्रिटेन में मंगलवार को संक्रमण के 43,738 मामले दर्ज किए गए जबकि वायरस के कारण 223 मरीजों की मौत हो गई जोकि मार्च के बाद से एक दिन में वायरस के चलते जान गंवाने वालों की सबसे अधिक संख्या है।

हो रही है सख्त नियमों की वकालत

रोजाना 40,000 से अधिक मामले सामने आने के मद्देनजर देश की स्वास्थ्य सेवा से जुड़े प्रमुखों ने सरकार से अनिवार्य रूप से मास्क पहनने जैसे सख्त कोविड-19 रोकथाम नियमों को लागू करने का अनुरोध किया है। एनएचएस संघ के मुख्य कार्यकारी मैथ्यू टेलर ने कहा, 'यह सरकार के लिए अपनी रणनीति के प्लान बी को बिना देर किए लागू करने का समय है क्योंकि बिना पूर्व तैयारी के हमें सर्दियों के दौरान संकट का सामना करना पड़ सकता हैं। साथ ही, स्वास्थ्य सेवा से जुड़े प्रमुख लोगों को यह समझने की जरूरत है कि अगर ये उपाय अपर्याप्त हैं तो 'प्लान सी' क्या होगा?'

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