धाकड़ EXCLUSIVE : लखीमपुर हिंसा की चार्जशीट आई है। जिसमें 5 हजार पन्ने हैं। जी हां, 100-50 नहीं, सीधे 5 हजार पेज। सवाल ये है कि इस 5 हजार पेज में है क्या ? आप 5 हजार पन्ने तो नहीं पढ़ सकते। हमने आपके लिए एक-एक पन्ने को बारीकी से पढ़कर एक रिपोर्ट तैयार की है। जिसें आपको उन सारे सवालों के जवाब मिल जाएंगे कि क्या चार्जशीट में SIT ने धाराएं बदल दी। अगर बदल दी तो क्यों ? क्या कुछ नए नाम जोड़े गए हैं? अगर हां तो उन पर क्या चार्जेज़ लगाए गए हैं।
लखीमपुर खीरी तिकुनिया हिंसा मामले में आज डिटेल चार्जशीट आ गई। इस चार्जशीट में केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी का बेटा आशीष मिश्रा ही हत्या का मुख्य आरोपी है। SIT ने आज अपनी चार्जशीट में आशीष मिश्रा को मुख्य आरोपी बताया है। 5000 पन्नों की चार्जशीट में आशीष मिश्रा पर कई गंभीर धाराएं लगाई गई हैं। जिनमें धारा 302 यानी हत्या और धारा 304 यानी हत्या की कोशिश शामिल है। चार्जशीट में आशीष मिश्रा के अलावा 12 और लोगों पर हत्या का आरोप लगाया गया है। चार्जशीट में एक नया नाम जोड़ा गया है वीरेन्द्र शुक्ला। कहा जा रहा है कि वीरेन्द्र शुक्ला गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी का करीबी रिश्तेदार है और इस पर सबूतों को मिटाने का आरोप लगाया गया है। 6 जनवरी को आशीष मिश्रा की जमानत पर सुनवाई होनी थी लेकिन अब जमानत जरा मुश्किल लग रही है।
लखीमपुर तिकुनिया हिंसा मामले में SIT ने 5000 पन्नों की चार्जशीट मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की कोर्ट में दाखिल कर दी है। चार्जशीट में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी के बेटे आशीष मिश्रा को हत्या का मुख्य आरोपी बनाया गया है। हत्या के मामले में आशीष मिश्रा के अलावा 12 और लोगों को आरोपी बनाया गया है। जबकि सबूत मिटाने के आरोप में वीरेन्द्र शुक्ला का नाम जोड़ा गया है जो अजय मिश्र टेनी के रिश्तेदार बताए जा रहे हैं। किसानों के वकील इस बात से नाखुश हैं कि चार्जशीट में अजय मिश्र टेनी का नाम क्यों नहीं जोड़ा गया।
पिछले साल 3 अक्टूबर को आशीष मिश्रा के समर्थकों और किसानों के बीच संघर्ष के दौरान 8 लोगों की मौत हो गई थी। तब तिकुनिया थाने में दर्ज FIR में 15 से 20 लोगों के नाम दर्ज कराए गए थे। अब चार्जशीट में कुल अभियुक्तों की संख्या 14 हो गई है। आशीष मिश्रा समेत 13 लोगों को हत्या का आरोपी बनाया गया है जबकि वीरेन्द्र शुक्ला पर धारा 201 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। वीरेन्द्र शुक्ला पर सबूतों को मिटाने का आरोप है।
चार्जशीट आने के बाद इस मामले में राजनीति शुरू हो गई है। समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बीजेपी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने अजय मिश्र पर जांच की आंच नहीं आने पर ऐतराज जताया है। उन्होंने ट्वीट किया है कि झूठी माफी और कानून वापस लेने जैसे चुनावी कदम भी मोदी जी की किसान विरोधी सोच को ढक नहीं सकते। वे रक्षक के पद पर हैं, लेकिन भक्षक के साथ खड़े हैं। लखीमपुर खीरी नरसंहार मामले की चार्जशीट में भी केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के बेटे ही किसानों को कुचलने की घटना के मुख्य आरोपी हैं। लेकिन @narendramodi जी के सरंक्षण के चलते मंत्री अजय मिश्रा टेनी पर जांच की आंच तक नहीं आई और वे अपने पद पर बने हुए हैं।
SIT ने अपनी जांच के आधार पर आरोपियों पर लगाई धाराओं में भी बदलाव किया है। IPC की धाराओं 279, 338, 304 A को हटाकर 302,307,326,34, 427, 147, 148, 149 और 120 B लगाई गई है। इसके अलावा धारा 3/25, 5/27 और 30 लगाई गई है। चार्जशीट में जिन आरोपियों के नाम हैं वो हैं आशीष मिश्रा उर्फ मोनू, अंकित दास, नंदन सिंह बिष्ट, सत्यम त्रिपाठी उर्फ सत्य प्रकाश त्रिपाठी, लतीफ उर्फ काले, शेखर भारती, सुमित जयसवाल, आशीष पाण्डेय, लवकुश, शिशुपाल, उल्लास कुमार त्रिवेदी उर्फ मोहित त्रिवेदी, रिंकू राना और धर्मेन्द्र कुमार बंजारा इन सभी आरोपियों पर कुछ अन्य धाराओं के साथ हत्या का केस दर्ज किया गया है।
मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा की जमानत याचिका पर 6 जनवरी को सुनवाई होनी थी। अब जबकि SIT ने घटना के 90 दिन के भीतर चार्जशीट दायर कर दी है तो आशीष मिश्रा को जमानत मिलना जरा मुश्किल है क्योंकि आशीष मिश्रा पर चार्जशीट में गंभीर आरोप लगाए गए हैं।
चार्जशीट में हत्या का आरोपी आशीष मिश्रा
तिकुनिया थाने में दर्ज FIR में 15-20 लोगों के नाम
चार्जशीट में कुल अभियुक्तों की संख्या 14 हो गई है
आशीष मिश्रा समेत 13 लोग हत्या के आरोपी
वीरेन्द्र शुक्ला पर धारा 201 के तहत मुकदमा दर्ज
वीरेन्द्र शुक्ला पर सबूतों को मिटाने का आरोप है
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