विवादित ट्वीट पर चार और नए केस दर्ज किए जाने के बाद कांग्रेस के कद्दावर नेता दिग्विजय सिंह ने दहाड़ लगाई। उन्होंने कहा कि एक लाख केस करें फर्क नहीं पड़ता है। यही नहीं उन्होंने कहा कि एक ट्वीट से क्या हो जाएगा। बता दें कि खरगोन हिंसा के संबंध में उन्होंने एक मस्जिद की तस्वीर को ट्वीट करते हुए लिखा था कि किस तरह से एक विशेष समाज को निशाना बनाया जा रहा है। लेकिन बाद में पता चला कि जिस मस्जिद के बारे में वो जिक्र कर रहे थे वो खरगोन में नहीं है। उसके बाद सियासत गरमाई। मध्य प्रदेश सरकार के साथ साथ बीजेपी ने भी ऐतराज किया। बता दें कि मंगलवार को भोपाल में दिग्विजय सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी।
एमपी सरकार ने कार्रवाई के दिए थे संकेत
दिग्विजय सिंह के बयान पर गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने टाइम्स नाउ नवभारत से खास बातचीत में कहा कि फर्जी ट्वीट मामले में कानून के तहत कार्रवाई होगी।उन्होंने कहा था कि वो इस तरह के बयान देते हैं। उनसे गंभीर होने की अपेक्षा की जाती है। राज्य में सांप्रदायिक सद्भाव के साथ खिलवाड़ की इजाजत नहीं दी जाएगी। हमारी सरकार का स्पष्ट मानना है कि किसी के साथ भेदभाव किए बगैर कार्रवाई करेंगे। इस तरह के बयानों के जरिए कानून व्यवस्था पर असर पड़ता है। दिग्विजय सिंह जी महत्वपूर्ण पदों पर रहे हैं, कम से कम उनसे अपेक्षा की जाती है कि वो संजीदगी के साथ आरोप लगाएंगे।
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'शिवराज सिंह के खिलाफ भी दर्ज हो केस'
दिग्विजय सिंह ने भोपाल के पुलिस कमिश्नर को पत्र लिखकर शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ मई 2019 में ट्विटर पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी का मनगढ़ंत वीडियो डालने के लिए प्राथमिकी दर्ज करने के लिए लिखा है। उन्होंने पत्र में लिखा कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा सोशल मीडिया पर कांग्रेस के शीर्ष नेता श्री राहुल गांधी का एक कूटरचित वीडियो बनाकर 16 मई 2019 को पोस्ट किया गया था। शिवराज सिंह चौहान का एक आपराधिक कृत्य है। वो इस पत्र के साथ सोशल नेटवर्किग साइट ट्विटर पर पोस्ट किये गये वीडियो को संलग्न कर भेज रहे हैं।
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