नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आती जा रही है वैसे वैसे कांग्रेस की प्रदेश इकाई राहुल गांधी को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने के लिए प्रस्ताव पास करने में जुट गई है। कई प्रदेशों ने तो प्रस्ताव पास कर सोनिया गांधी को भेज भी दिया है।
लेकिन अब यह सवाल उठने लगा है कि जब कांग्रेस के अध्यक्ष का चुनाव हो रहा है तो कैसे प्रदेश इकाइयां किसी एक व्यक्ति को अध्यक्ष बनाने के लिए रेजोल्यूशन पास कर सकती है। क्या यह फ्री और फेयर कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव को प्रभावित करने की कोशिश नहीं है? वह भी तब जब कुछ ही दिन पहले कांग्रेस के इलेक्शन अथॉरिटी के चेयरमैन मधुसूदन मिस्त्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर साफ कहा था कि कांग्रेस अध्यक्ष पद को लेकर किसी भी राज्य को प्रस्ताव पास करने की जरूरत नही है। यह किसी भी रूप में कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव को प्रभावित नहीं करेगा।
कांग्रेस नेताओं का एक तबका पहले से ही अध्यक्ष पद के चुनाव को लेकर बनाए गए इलेक्टोरल कॉलेज यानी पीसीसी डेलीगेट को लेकर सवाल खड़ा करता रहा है। ऐसे में प्रदेश इकाइयों द्वारा राहुल गांधी को अध्यक्ष बनाए जाने को लेकर प्रस्ताव पास करना सीधे तौर पर कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव को किसी एक व्यक्ति को चुनने के लिए प्रभावित करने का मामला बनता जा रहा है।
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