जम्मू-कश्मीर पर बैठक से पहले महबूबा का विरोध, डोगरा फ्रंट ने कहा-गिरफ्तार हों PDP प्रमुख 

पाकिस्तान के साथ बातचीत शुरू करने के लिए बयान देने पर महबूबा मुफ्ती के खिलाफ गुरुवार को जम्मू में प्रदर्शन हुआ। डोगरा फ्रंट ने पीडीपी प्रमुख को गिरफ्तार करने की मांग की।

 Dogra Front stages protest against PDP chief Mehbooba Mufti in Jammu
महबूबा मुफ्ती के खिलाफ जम्मू में प्रदर्शन। 
मुख्य बातें
  • जम्मू-कश्मीर पर पीएम मोदी की ओर से 24 जून को बुलाई गई है बैठक
  • इस बैठक में जम्मू-कश्मीर के बारे में कोई बड़ा फैसला लिया जा सकता है
  • महबूबा मुफ्ती ने पाकिस्तान के साथ बातचीत शुरू करने पर जोर दिया है

जम्मू : जम्मू-कश्मीर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ गुपकार अलायंस सहित अन्य राजनीतिक दलों के नेताओं की बैठक से पहले पीडीपी की मुखिया महबूबा मुफ्ती के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन तेज हो गया है। जम्मू में गुरुवार को डोगरा फ्रंट ने राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री के खिलाफ प्रदर्शन किया। डोगरा फ्रंट के नेताओं का कहना है कि गुपकार अलायंस की बैठक के बाद महबूबा ने जो बयान दिया वह देश विरोधी है और इसके लिए उन्हें गिरफ्तार किया जाना चाहिए। 
 
जम्मू-कश्मीर पर पीएम के साथ नेताओं की बैठक
दरअसल, जम्मू-कश्मीर पर बैठक के लिए पीएम मोदी ने जम्मू-कश्मीर के 14 राजनीतिक दलों को निमंत्रण भेजा है। यह बैठक 24 जून (गुरुवार) को होनी है। इस बैठक को लेकर कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं। पीएम की तरफ से बैठक के लिए न्योता मिलने के बाद गुपकार अलायंस के नेताओं की महबूबा के आवास पर मंगलवार को एक बैठक हुई। इस बैठक के बाद पीडीपी नेता ने पाकिस्तान के साथ बातचीत करने पर भी जोर दिया। 

महबूबा चाहती हैं पाक के साथ भी हो बातचीत  
उन्होंने कहा, 'सरकार दोहा में तालिबान के साथ बातचीत  कर रही है। उन्हें जम्मू-कश्मीर में बात करनी चाहिए। इसके अलावा उन्हें मुद्दों के समाधान के लिए पाकिस्तान से भी बातचीत करनी चाहिए।' महबूबा का पाकिस्तान 'प्रेम' नया नहीं है। पाकिस्तान के साथ बातचीत करने की राय महबूबा समय-समय पर जाहिर करती रही हैं। उनका मानना है कि कश्मीर मसले का समाधान पाकिस्तान से बातचीत के बाद ही निकल सकता है। 

पत्थरबाजों को रिहा करने की मांग की
इसके अलावा उन्होंने जेल में बंद पत्थरबाजों एवं अलगाववादी नेताओं को रिहा करने की भी मांग की। इन अलगाववादियों में मसरत आलम जैसा अलगववादी भी शामिल है जो घाटी में युवकों को बरगलाकर उन्हें सुरक्षाबलों के खिलाफ पत्थर फेंकने के लिए उकसाता रहा है। महबूबा भारत के हितों के खिलाफ जाकर बयान देती रही हैं। इसके पहले उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर का झंडा वापस मिलने पर ही वह तिरंगे को उठाएंगी। गुपकार समूह में शामिल सभी दल अनुच्छेद 370 की बहाली पर जोर दे रहे हैं। 

अनुच्छेद 370 को बहाल करने की मांग करते हैं गुपकार के नेता
भारत सरकार ने 5 अगस्त 2019 को अपने ऐतिहासिक फैसले में अनुच्छेद 370 को समाप्त करते हुए जम्मू-कश्मीर को दो केंद्रशासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में विभाजित कर दिया। करीब दो साल के बाद घाटी में आतंकवाद पर बहुत हद तक लगाम लगा है और स्थितियां पटरी पर लौटी हैं। अब सरकार यहां विधानसभा चुनाव कराने की दिशा में कदम उठा सकती है। बैठक में राज्य के परिसीमन को लेकर भी कोई बड़ा फैसला हो सकता है। 

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