Dogs Day: पीएम मोदी की सुरक्षा करेंगे मुधोल कुत्ते, इसलिए विदेशी नहीं देसी नस्ल पर जताया है भरोसा

Dogs Day: मुधोल कुत्तों की बनावट सामान्य कुत्तों जैसी लेकिन थोड़ी अलग होती है। सामान्य तौर पर ये छरहरे दिखते हैं। इनकी गर्दन लंबी और कमर पतली होती है। इनकी पूंछ भी लंबी होती है। वजन में  हल्के होने की वजह से ये बहुत तेजी के साथ दौड़ते हैं।

Dogs Day Mudhol hound dogs will protect PM narendra Modi
पीएम मोदी की सुरक्षा करेंगे मुधोल कुत्ते। (File Photo)  |  तस्वीर साभार: Times of India
मुख्य बातें
  • प्रधानमंत्री मोदी की सुरक्षा करेंगे मुधोल कुत्ते
  • 240 डिग्री से लेकर 270 डिग्री तक घूम सकती हैं मुधोल प्रजाति के कुत्तों की आंखें
  • ज्वार की एक रोटी पर जिंदा रह सकते हैं मुधोल कुत्ते

Dogs Day: देश के प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति की सुरक्षा का जिम्मा संभालने वाले एसपीजी ने कर्नाटक से कुत्ते की स्वदेशी नस्ल ‘मुधोल हाउंड’ को ट्रेनिंग देने के लिए चुना है, जिससे इसके विशिष्ट बल में शामिल होने की संभावना बढ़ गई है। एसपीजी ने ट्रेनिंग के लिए दो कुत्तों को चुना है। इस नस्ल को वफादार और शिष्ट माना जाता है।

 पीएम मोदी की सुरक्षा करेंगे मुधोल कुत्ते

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ज्वार की एक रोटी पर जिंदा रह सकते हैं मुधोल कुत्ते

ये कुत्ते कर्नाटक के बगलकोट जिले में स्थित केनाइन रिसर्च इनफॉरमेशन सेंटर में रह रहे हैं। लोग बताते हैं कि ये सादा खाना पसंद करते हैं और इन्हें खाने में मक्का, गेहूं और दाल पसंद है। पौष्टिकता का ध्यान रखते हुए इन्हें दिन में दो अंडे और आधा लीटर दूध पिलाया जाता है। साथ ही ज्वार की एक रोटी पर जिंदा रह सकते हैं मुधोल कुत्ते।

हल्के होने की वजह से बहुत तेजी के साथ दौड़ते हैं मुधोल कुत्ते

मुधोल कुत्तों की बनावट सामान्य कुत्तों जैसी लेकिन थोड़ी अलग होती है। सामान्य तौर पर ये छरहरे दिखते हैं। इनकी गर्दन लंबी और कमर पतली होती है। इनकी पूंछ भी लंबी होती है। वजन में हल्के होने की वजह से ये बहुत तेजी के साथ दौड़ते हैं। ये बहुत तेजतर्रार और फुर्ती इनकी खिलाड़ियों जैसी होती है। कुत्तों के विशेषज्ञों का कहना है कि मुधोल प्रजाति के कुत्तों की आंखें 240 डिग्री से लेकर 270 डिग्री तक घूम सकती हैं। 

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कर्नाटक के तत्कालीन मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने साल 2009 में सीआरआईसी की स्थापना की थी। इसके बाद से यह केंद्र 2010-11 से मुधोल नस्ल के कुत्तों के विकास एवं उनके संवर्धन की दिशा में काम करना शुरू किया। इस समय मुधोल इलाके में करीब 3000 मुधोल नस्ल के कुत्ते उपलब्ध हैं।

वैसे ये पहली बार नहीं है जब सुरक्षा एजेंसियां इस नस्ल से प्रभावित हुई हैं। भारतीय सेना, वायु सेना, केंद्रीय सशस्त्र अर्द्धसैन्य बल, रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन, राज्य पुलिस तथा वन विभाग पहले भी कुछ वक्त के लिए इन कुत्तों की सेवाएं ले चुका है।
 

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