मंगलवार की दोपहर को विपक्ष ने राष्ट्रपति पद के लिए यशवंत सिन्हा के नाम का ऐलान कर दिया तो संभावना जताई जा रही थी कि एनडीए यानी सत्ता पक्ष की भी तरफ से उम्मीदवार के नाम का ऐलान हो सकता है। रात 9 बजे बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा ने प्रेस कांफ्रेस के जरिए बताया कि एनडीए का क्या मत था। उनके मुताबिक राष्ट्रपति पद के लिए किसी एक नाम पर सहमति बनी होती तो परंपरा के मुताबिक रहा होता। लेकिन विपक्ष द्वारा उम्मीदवार घोषित किए जाने के पास सत्ता पक्ष के सामने कोई दूसरा चारा नहीं था। एनडीए उम्मीदवार द्रोपदी मुर्मू के नाम के ऐलान से पहले उन्होंने बताया कि कुल 20 नाम आए थे। काफी सोच विचार के बाद यह पाया गया कि भारत के पूर्वी इलाके से उम्मीदवार होना चाहिए। किसी महिला को मौका मिलना चाहिए और महिला में भी उसे मौका मिले जो आदिवासी समाज से आती हो। इस तरह का क्राइटएरिया पर जो सबसे बेहतर उम्मीदवार लगीं उस नाम पर मुहर लगाई गई और वो नाम है द्रोपदी मुर्मू का। एनडीए की तरफ से उम्मीदवार के नाम का ऐलान होते ही यह साफ हो गया कि 18 जुलाई को सत्ता पक्ष और विपक्ष आमने सामने होंगे।
द्रोपदी मुर्मू के बारे में अनसुनी बातें
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