निर्मल तिवारी
नई दिल्ली: कोरोना काल में किसानों की एक और कठिनाई बढ़ गई हैं। पाकिस्तान की तरफ से बड़ी तादाद में टिड्डी दल राजस्थान के सीमावर्ती इलाके में आ गए हैं। इससे किसानों को बुवाई में दिक्कत आ रही हैं। साथ ही सब्जियों,फसलों और हरे चारे की फसल को भी नुकसान की आशंका हैं। राजस्थान सरकार ने प्रधानमंत्री को इस संकट से मुक्ति दिलाने के लिए चिठ्ठी लिखी हैं। राजस्थान से सटे गुजरात के खेतों पर भी टिड्टी नियंत्रण विभाग नज़र ऱखे हुए हैं।
परदेसी टिड्टी दल के खतरे को देखते हुए केंद्र सरकार भी हरकत में आ गई हैं। वैसे भी मोदी सरकार कोरोना काल में खेती किसानी को लेकर काफी गंभीरता दिखा रही हैं। किसानों की हर परेशानी कम करने की कोशिश में लगी हैं । कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की अगुआई में टिड्डी दलों के आक्रमण को रोकने के लिए कृषि मंत्रालय में बैठक हुई। इसमें दोनों राज्य मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला और कैलाश चौधरी के अलावा कीटनाशक कंपनियों के प्रतिनिधि भी वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए शामिल हुए। बैठक में फैसला लिया गया कि टिड्डी दल को काबू में करने के लिए ब्रिटेन से मशीनें जल्द मंगाई जाएं। क्योंकि अगले पंद्रह दिनों में खतरा और बढ़ सकता हैं और फसलों को ज्यादा नुकसान की आशंका हैं ।
टिड्डी नियंत्रण विभाग के डिप्टी डायरेक्टर डॉ. के. एल. गुर्जर ने बताया कि पाकिस्तान अपने क्षेत्र में टिड्डियों पर नियंत्रण करने में पूरी तरह नाकाम रहा है, इसके कारण बड़ी संख्या में टिड्डियों के होपर्स एडल्ट होकर भारतीय क्षेत्र में आ रहे हैं. ये टिड्डिया ईरान से पाकिस्तान के बलूचिस्तान होते हुए राजस्थान की सीमा में पहुंच रही हैं और आगामी 15 दिन बाद इन टिड्डियों के समर ब्रीडिंग के बाद इनकी बढ़ी संख्या बहुत बड़ा खतरा बन जाएगी। उन्होंने बताया कि वर्तमान में राजस्थान एवं गुजरात में हमारी 50 टीम इन टिड्डियों पर नियंत्रण करने में लगी हैं। इनमें 45 टीमें राजस्थान के अलग-अलग जिलों एवं 5 टीमें गुजरात में लगी हैं। गुर्जर ने बताया कि इस बार हमने एयरक्राफ्ट व ड्रोन के जरिए इन टिड्डियों को नष्ट करने की योजना बनाई गई है। कंट्रोल करने के लिये नई गाड़ियां खरीदी जा रही हैं और कीटनाशक पदार्थ का भण्डारण किया जा रहा है।
अब तक 14300 हेक्टेयर खेतों को टिड्टी दल से मुक्त किया गया हैं । अजमेर के ब्यावर, पुष्कर, नागौर के खींवसर आदि कई दर्जनों गांव में टिड्डियों को काबू किया गया है। कुल मिलाकर अब तक पंजाब के फाजिल्का और राजस्थान के जोधपुर, फलौदी, बाड़मेर, श्रीगंगानगर, नागौर, अजमेर, पाली, जैसलमेर आदि जिलों में 14300 हेक्टेयर क्षेत्र में टिड्डियों को नष्ट किया जा चुका हैं। इन इलाकों के ज्यादातर खेतों में इन दिनों कपास, ज्वार, रिजका, हरा चारा और सब्जियां लगी हैं।
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