नई दिल्ली/ढाका : भारत-बांग्लादेश सीमा क्षेत्र में बुधवार को भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए हैं। रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 4.3 मापी गई है। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (NCS) भूकंप सुबह 7:10 बजे आया। फिलहाल इसके कारण किसी तरह के नुकसान का पता नहीं चल पाया है। यहां भूकंप के झटके ऐसे समय में महसूस किए गए हैं, जब पूरा देश कोरोना वायरस महामारी और चक्रवात अम्फान के बाद अब चक्रवात निसर्ग का सामना कर रहा है।
देश के पूर्वोत्तर क्षेत्र में में इससे पहले बीते सप्ताह भी भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। मणिपुर में एक के बाद एक दो झटके 13 मिनट के अंतराल पर दर्ज किए गए थे, जिसकी तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 5.5 महसूस की गई थी। इसका केंद्र मोइरांग शहर से 13 किलोमीटर दूर विष्णुपुर जिले में था। भूकंप के झटके शाम 7 बजे से रात 8 बजे के बीच महसूस किए गए थे।
पूर्वोत्तर ही नहीं, देश की राजधानी दिल्ली व एनसीआर के इलाके में भी बीते दिनों भूकंप के कई झटके महसूस किए गए थे। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और आसपास के इलाकों में अप्रैल और मई माह में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। दिल्ली में 15 मई, 12 अप्रैल और 13 अप्रैल को भी भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। हालांकि इनकी तीव्रता बहुत अधिक नहीं थी। भूकंप के झटकों की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 2.7 से 3.5 मापी गई थी।
भूकंप के झटकों के बीच देश कई तरह की आपदा का सामना कर रहा है। कोरोना वायरस संक्रमण के कारण जहां एक बड़ा स्वास्थ्य संकट पैदा हो गया है, वहीं देश के दक्षिणी हिस्से में चक्रवात निसर्ग के कारण लोगों को मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है। अरब सागर में बने निम्न दबाव के क्षेत्र के चक्रवात निसर्ग के रूप में सामने आने के बाद उत्तरी महाराष्ट्र और दक्षिणी गुजरात के कई तटीय जिलों को अलर्ट किया गया है।
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