IAS अधिकारी पूजा सिंघल को 5 दिन की ED की हिरासत में भेजा गया, छापेमारी में मिले थे करोड़ों रुपए

Pooja Singhal: IAS अधिकारी पूजा सिंघल को गिरफ्तार कर लिया गया है। 17 घंटे की पूछताछ के बाद प्रवर्तन निदेशायल (ED) ने उन्हें गिरफ्तार किया। आय से अधिक संपत्ति के मामले में कार्रवाई की गई है।

Pooja Singhal
पूजा सिंघल 
मुख्य बातें
  • मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी ने झारखंड आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल को गिरफ्तार किया
  • पूछताछ के दूसरे दिन ED ने पूजा सिंघल को गिरफ्तार कर लिया
  • हाल ही में उनके ठिकानों पर छापेमारी हुई थी, 19 करोड़ कैश मिला था

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने झारखंड खनन सचिव पूजा सिंघल को मनरेगा फंड के कथित गबन और अन्य आरोपों से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग जांच में गिरफ्तार किया है। 17 घंटे की लंबी पूछताछ के बाद ईडी ने उन पर कार्रवाई की है। आज सुबह ईडी ने पूजा सिंघल को रांची में पूछताछ के लिए तलब किया था। कल सिंघल से करीब 9 घंटे तक पूछताछ की गई थी। वो पूछताछ के लिए रांची में ईडी के सामने पेश हुईं। अब उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है। बाद में कोर्ट ने उन्हें 5 दिन की ईडी की हिरासत में भेज दिया।

पूजा के सीए के घर से 19 करोड़ से ज्यादा कैश मिले थे। इसी मामले में पूजा से पूछताछ हुई। ईडी की ये कार्रवाई 2009-10 के मनरेगा घोटाले में हुई। ईडी ने आईएएस पूजा सिंघल, उनके पति अभिषेक झा, सीएम सुमन कुमार से जुड़े ठिकानों पर छापे मारे। रांची में सीए सुमन कुमार के ठिकाने पर रेड के दौरान करोड़ों रुपए का काला कैश बरामद हुआ। नोटों की इतनी गड्डियां मिलीं कि ढेर लग गया, नोट गिनने के लिए तीन मशीनें मंगाई गईं, गिनती का सिलसिला शुरू हुआ तो ये 19 करोड़ 31 लाख रुपए पर जाकर थमा। 

दो दिन तक चली छापेमारी में 300 करोड़ रुपए के दस्तावेज भी जब्त किए गए। इसके बाद जांच एजेंसी ने पूछताछ का सिलसिला शुरू किया। पहले सीए सुमन कुमार से पूछताछ की गई। इसके बाद पूजा सिंघल के पति अभिषेक झा से पूछताछ हुई। दोनों को आमने-सामने बिठाकर भी सवाल-जवाब किए गए। 

ED ने IAS अधिकारी से संबंधित CA को किया गिरफ्तार, छापों में मिले थे 19 करोड़ रुपए

क्या है मामला

दरअसल ये मामला साल 2007 से 2010 के बीच का है, जिसको लेकर ईडी ने एक साथ 5 राज्यों झारखंड, बिहार, हरियाणा, राजस्थान और पश्चिम बंगाल में छापेमारी की। 2007 से 2010 के दौरान तीन सालों में पूजा सिंघल झारखंड के तीन जिलों में कलेक्टर रहीं। बताया जाता है कि इसी दौरान मनरेगा में करीब 18 करोड़ रुपए की वित्तीय गड़बड़ी हुई। तत्कालीन सीएम अर्जुन मुंडा ने जानकारी मिलते ही जांच के आदेश दिए। विजिलेंस को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई। 16 FIR दर्ज की गईं और गिरफ्तारियां भी हुईं। करोड़ों की गड़बड़ी का खुलासा होने के बाद बीजेपी ने सोरेन सरकार को कठघरे में खड़ा कर दिया है। 

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