बुधवार को दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि उन्हें बहुत खुशी हो रही है कि वर्चुअल क्लास के बाद देश का पहला वर्चुअल स्कूल भी शुरू कर चुके हैं। लेकिन उनके इस दावे को केंद्र सरकार ने खारिज किया है। एनआईओएस ने कहा कि आखिर आम आदमी पार्टी की सरकार दिल्ली और देश की जनता को किस हद तक गुमराह करने का काम करेगी। सच तो यह है कि देश का पहला वर्चुअल स्कूल केंद्र सरकार द्वारा खोला गया जिसे एनआईओएस के जरिए संचालित किया जा रहा है।
एनआईओएस का तर्क
एनआईओएस का कहना है कि देश का पहला वर्चुअल स्कूल पिछले वर्ष केंद्र सरकार द्वारा शुरू किया गया था। मीडिया में कुछ दावों के संबंध में एनआईओएस का कहना है कि हम स्पष्ट करना चाहते हैं कि देश का पहला इस तरह का स्कूल शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने शुरू किया था। एनआईओएस का कहना है कि देश में इस समय करीब 7000 स्टडी सेंटर उससे संबंधित हैं। इन सेंटर के जरिए छात्रों को एकेडिमिक्स मदद दिया जाता है। इसके साथ ही 1500 स्टडी सेंटर के जरिए स्किल डेवलपमेंट में मदद की जाती है। और यह सब काम वर्चुअल तरीके से किया जाता है।
1989 में हुआ था गठन
एनआईओएस का कहना है कि 2021 शैक्षणिक वर्ष में ही करीब 2.18 लाख असाइंमेंट वर्चुअल तरीके से छात्रों को दिए गए थे। बता दें कि इसका गठन 1989 में किया गया था। नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 1986 में इसकी अनुशंसा की गई थी। इसके जरिए दूरवर्ती शिक्षा के जरिए व्यवसायिक शिक्षा पर खासा जोर दिया जाता है।
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