वड़ा पाव बेचकर करोड़ों कमा रहा ये शख्स, हावर्ड में हो रही रिसर्च, देशभर में हैं 350 आउटलेट्स

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Updated Feb 04, 2021 | 20:28 IST | टाइम्स नाउ डिजिटल

Goli vada pav: मुंबई के वेंकटेश अय्यर ने 2004 में वड़ा पाव का काम शुरू किया और आज वो इसे 50 करोड़ रुपए के बिजनेस तक ले गए हैं। देशभर में उनके 350 आउटलेट्स हैं।

Venkatesh Iyer
वेंकटेश अय्यर 

वड़ा पाव का बिजनेस कर क्या कोई करोड़पति बन सकता है? जी हां, वेंकटेश अय्यर नाम के शख्स ने ऐसा कर दिखाया है। मुंबई में गोली वड़ा पाव के संस्थापक वेंकटेश अय्यर ने इस लोकप्रिय स्नैक से 50 करोड़ रुपए का फूड बिजनेस खड़ा किया है।

गोली वड़ा पाव के संस्थापक वेंकटेश अय्यर ने इस बिजनेस में अपार संभावनाएं देखीं और 2004 में ये काम शुरू किया। अब यह 20 राज्यों और 100 शहरों में अपनी उपस्थिति के साथ पूरे भारत में 350 से अधिक आउटलेट तक बढ़ गया है। इसकी सफलता और विकास पर शीर्ष बिजनेस स्कूलों जैसे हार्वर्ड बिजनेस स्कूल, आईएमडी स्विट्जरलैंड और आईएसबी हैदराबाद द्वारा केस स्टडीज किए जाते हैं।

अय्यर ने 'द बेटर इंडिया' को बताया है कि कैसे उसने ये व्यापार खड़ा किया। उनका कहना है कि उनका परिवार चाहता था कि मैं अच्छी तरह से पढ़ाई करूं और इंजीनियर, डॉक्टर या चार्टर्ड एकाउंटेंट बनूं। उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि मैं इतना सफल होऊंगा वो भी बस वड़ा पाव बेचकर।

20 करोड़ से अधिक ग्राइक

फाइनेंशियल सर्विस सेक्टर में करीब 15 साल गुजारने वाले अय्यर कहते हैं, 'उन सालों में मेरा ध्यान रिटेल सेक्टर का निर्माण करना था और इस प्रक्रिया में यह सुनिश्चित करना कि पर्याप्त और अधिक रोजगार सृजित हों।' सप्लाई चेन, फ्रेंचाइजी, ब्रांड निर्माण और धन इकट्ठा करने अपने अनुभव के साथ फरवरी 2004 में गोली वड़ा पाव का पहला स्टोर ठाणे जिले के कल्याण में शुरू किया गया। पूरे भारत में आठ वितरण केंद्रों और 20 करोड़ से अधिक ग्राहकों के साथ कंपनी अधिक ऊंचाइयों तक बढ़ाने के लिए तत्पर है। कंपनी में तीन E का महत्वपूर्ण स्थान है- Education, Employment और Entrepreneurship. 

नारायण मूर्ति से हैं प्रभावित 

वेंकटेश इंफोसिस के संस्थापक नारायण मूर्ति से प्रभावित हैं। वो जरूरतमंद बच्चों की पढ़ाई में भी कदम बढ़ा रहे हैं। उन्होंने कहना है कि कंपनी की सफलता के अलावा मेरा सपना है कि स्कूल छोड़ चुके दसवीं पास छात्रों को कंपनी में काम करने का मौका दिया जाए। इनकी इच्छा वड़ा पाव को वैश्विक बनाने की है। उनका कहना है कि मैं यह निश्चित करना चाहता था कि मेरे आइटम का टेस्ट हर आउटलेट पर समान हो, चाहे कोई भी इसे किसी भी दिन चखे।

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