Exclusive: ऐतिहासिक दर्रे से जोश हाई करने वाली Report, जहां कई फीट जमी बर्फ में रक्षा की खातिर तैनात हैं जवान

बेहद कठिन हालात में भी देश की सुरक्षा करते 'बर्फ़वीर' देश के दुश्मनों के सामने बेखौफ खड़े देश के जवान। देश के जवान कितने कठिन हालात से जूझते है| देखिये Times Now नवभारत की Ground Report

Exclusive Ground eport from the historic Hajipir Pass, where soldiers are deployed for protection in several feet of frozen snow
हाजीपीर दर्रे से Times Now नवभारत की Ground Repor 
मुख्य बातें
  •  हाजीपीर दर्रे में जमी बर्फ के बीच विषम परिस्थितियों में तैनात हैं जवान
  • दुश्मन की हर हरकत पर जवानों की चौबीस घंटे रहती है नजर
  • जवानों के लिए यहां बनाए गए हैं इग्लू की तरह दिखने वाले आधुनिक बंकर

 देश में गणतंत्र दिवस की तैयारियां चल रही हैं। लेकिन इन तैयारियों की तस्वीरों में एक कहानी छिपी है। ये कहानी है देश सेवा में जुटे जवानों के त्याग और बलिदान की। वो जवान जिनकी वजह से हम सुरक्षित महसूस करते हैं.. वो जवान जो सीने पर गोली खाकर हमारे परिवार को सुरक्षा देते हैं। वो जवान जो हर मुश्किल हालात में हमारे लिए दुश्मनों के सामने सीना ताने खड़े होते हैं। वो जवान जिनके जीवन का एकमात्र मकसद देश सेवा है। वो ना तो होली, ना दीपावली और ना ही किसी दूसरे तीज त्योहार पर अपने घर जाते हैं। उनके लिए परिवार देश है, उनके जीवन का मकसद राष्ट्र सेवा और सीमा घर समान है। 

हालात हैं विषम

ऐसे ही जवानों की कहानी आज हम लेकर आए हैं। वो किन चुनौतियों का सामना करते हैं। कैसे मुश्किल औऱ विषम परिस्थितियों में डटे रहते हैं। मुश्किल हालात में देश सेवा के जज्बे को कैसे जिंदा रखते हैं। इसका अहसास करने ऐतिहासिक हाजीपीर दर्रे पर पहुंचे TIMES NOW नवभारत संवाददाता प्रदीप दत्ता। सीमा के उस पार दुश्मन मौके की ताक में बैठा है। एक गलती या लापरवाही का इंतजार कर रहा है। लेकिन हमारे मुस्तैद जवान पलक तक नहीं झपकाते, घुसपैठ की कोशिश तो दूर चौकसी ऐसी है कि आतंकी घुसपैठ के बारे में सोच तक नहीं सकते।

हाड़ कंपा  देने वाली ठंड

 हाजीपीर दर्रे से जवानों की चुनौतियों को दिखाती इस रिपोर्ट में आप देखेेंगे कि कितने मुश्किल हालात हैं जहां चल पाना तक मुश्किल है और पैर फिसला तो जिंदगी खतरे में पड़ सकती है। लेकिन ऐसे हालात में जवानों का जोश हाई है। जो जवान इतने मुश्किल हालात में हमारी रक्षा करते हैं.. उनके लिए सरकार ने कुछ खास इंतजाम किए हैं। हड्डी जमा देने वाली ठंड में वो कुछ समय सुकून से बिता सकें, इसके लिए इग्लू की तरह दिखने वाले आधुनिक बंकर बनाए गए हैं। देखिए ये खास रिपोर्ट- 

हाजीपीर दर्रे को जानिए

  1. रणनीतिक लिहाज से अहम
  2. आतंकी घुसपैठ की आशंका ज्यादा
  3. दूसरी ओर आतंकियों के लांच पैड
  4. 28 अगस्त 1965 को भारत का कब्जा
  5. स्थानीय लोगों की मदद से जीत मिली थी
  6. भारत के कब्जे से पहले पाक का लांच पैड था


जिस तरह से हाजीपीर दर्रे पर जवान डटे हुए हैं.. कुछ वैसी ही मुस्तैदी पुंछ में भी है। जवानों ने गश्त बढ़ा दी है. ताकि गणतंत्र दिवस के मौके पर आतंकी किसी दहशतगर्दी को अंजाम ना दे सकें... यानी सीमा पर परिंदा भी पर नहीं मार सकता ऐसे इंतजाम हैं.. ये तस्वीरें सुरक्षा के भाव को मजबूती देने वाली हैं...सलाम है देश के हमारे वीर सपूतों को।

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