Farm Laws Repeal: क्या कुछ और वजह है कृषि कानून को वापस लेने की?

देश
अमित गौतम
Updated Nov 20, 2021 | 07:06 IST

Farm Laws repealed: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को तीन कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान किया, जिसके बाद देशभर में इस पर चर्चा जारी है। इसे किसानों की जीत और पांच राज्‍यों में होने वाले आगामी विधासभा चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है। आखिर क्‍या वजह है कृषि कानूनों को वापस लेने की?

कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्‍ली बॉर्डर पर किसानों का धरना बीते करीब एक साल से जारी है
कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्‍ली बॉर्डर पर किसानों का धरना बीते करीब एक साल से जारी है  |  तस्वीर साभार: PTI
मुख्य बातें
  • पीएम मोदी ने 19 नवंबर, 2021 को तीन कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान किया
  • ये कानून 17 सितंबर, 2020 को लाए गए थे, जिस पर किसान समूहों ने आपत्ति जताई थी
  • इसके खिलाफ दिल्‍ली बॉर्डर पर किसानों का धरना बीते करीब एक साल से जारी है

Farm Laws Taken Back: 17 सितंबर 2020 और 19 नवंबर 2021 ये वो तारीखें बन चुकी हैं, जो कभी नहीं भुलाई जा सकेंगी। ये तारीखें इतिहास के उस पन्नों में दर्ज हो चुकी हैं, जिसे हमेशा याद किया जाएगा। 17 सितंबर 2020 जब संसद में कृषि कानून को पास हुआ था, उसके 10 दिन बाद यानी 27 सितंबर को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इस पर हस्ताक्षर कर दिया था। लेकिन किसान संगठनों द्वारा इस कानून को लेकर लगातार विरोध करने के बाद 19 नवंबर 2021 सुबह 9 बजे प्रधानमंत्री ने देश को संबोधित करने के दौरान इस कानून को वापस लेने का ऐलान किया। हालांकि किसान संगठनों का कहना है कि जब तक संसद में ये कानून वापस नहीं हो जाता, तब तक वे इस आंदोलन को नहीं छोड़ेंगे।

कृषि कानून को लेकर इस 14 महीने के अंतराल में काफी कुछ घटनाएं और राजनीति हुई, जिसमें सबसे बड़ी घटना 26 जनवरी 2021 को लाल किले पर किसानों और पुलिस के बीच की वो हिंसा है, जिसे भुलाया नहीं जा सकता। किसान संगठनों ने दिल्ली के तीनों बॉर्डर (गाजीपुर, टीकरी और सिंघु) को जाम करके केन्द्र सरकार को संकेत कर दिया था कि वे अपनी मांग पूरी हुए बगैर यहां से नही हटेंगे। वक्त गुजरता गया, 11 बार दोनों (सरकार और किसान संगठन) के बीच  बैठकें भी हुईं, लेकिन हर बार ये बैठकें बेनतीजा रहीं, क्योंकि सरकार हमेशा कहती रही कि इस कानून में वह संशोधन कर सकती है, लेकिन किसान संगठन इसे वापस लेने की मांग पर अड़े थे।

पीएम मोदी का अहम ऐलान

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 19 नवंबर, 2021 को सुबह 9 बजे देश को संबोधित करते हुए कहा कि- हमने ये कानून किसानों के हित के लिए लाए थे, लेकिन लगता है कि हम किसानों को इन कानून के बारे में अच्छे से नहीं समझा पाए। इसलिए किसानों की खुशी के लिए सरकार इस कानून को वापस लेने का ऐलान करती है, जिसकी प्रक्रिया इस महीने के आखिर से शुरू हो जाएगी। यहां आपको बता दें कि संसद का शीतकालीन सत्र 29 नवंबर से शुरू हो रहा है। यानी इस कानून को वापस लेने की प्रकिया सत्र के पहले या दूसरे दिन से शुरू हो जाएगी।

प्रधानमंत्री के इस फैसले के बाद विपक्षी पार्टियों ने बीजेपी को घेरना शुरू कर दिया है। विपक्ष का कहना है कि कृषि कानून को वापस लेने का ये फैसला आगामी विधानसभा चुनाव हार जाने के डर से लिया गया है। अगर हम इस नजरिये से देखते हैं तो हाल ही में हिमाचल प्रदेश के 1 लोकसभा और 3 विधानसभा उपचुनाव में जिस तरह से बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा, उससे कहीं ना कहीं जनता के बीच में ये संदेश जा रहा था कि ये हार किसानों को नाखुश करने की वजह से हुई है।

5 राज्‍यों में विधानसभा चुनाव

दूसरी तरफ 5 राज्यों के विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं, जिनमें उत्तर प्रदेश और पंजाब अहम माने जा रहे हैं। अगर हम पंजाब की बात करें तो इस कानून के विरोध की हवा पंजाब से ही शुरू हुई थी। वहीं, कांग्रेस के अंदरूनी कलह की वजह से कैप्टन अमरिंदर सिंह को मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा देना पड़ा, जिसके बाद उन्होंने केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की और अब इस कानून को वापस लेने के बाद अमरिंदर सिंह ने ट्वि‍टर पर अमित शाह को टैग कर उनका शुक्रिया अदा किया। इससे इस बात का साफ संदेश जाता है कि कैप्टन अमरिंदर सिंह आगामी पंजाब विधानसभा चुनाव में बीजेपी का सपोर्ट करेंगे।

वहीं, उत्तर प्रदेश की बात करें तो जिस तरीके से भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैट ने भाजपा के खिलाफ किसानों के बीच में माहौल बना रखा है, उससे आगामी विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी को खतरा महसूस हो रहा था। इस कानून को वापस लेकर बीजेपी ने किसानों की मांग को पूरा कर उसे खुश करने के साथ-साथ अपने लिए आगामी 5 राज्यों के विधानसभा चुनाव में कहीं ना कहीं जीत के रास्ते खोल दिए है।

Times Now Navbharat पर पढ़ें India News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।

अगली खबर