संसद से कृषि कानून निरस्त, 1 दिसंबर को संयुक्त किसान मोर्चा की आपातकालीन बैठक, आगे की रणनीति पर होगा फैसला

Farmers agitation: संसद में तीन कृषि कानूनों के निरस्त हो जाने के बाद एक दिसंबर को संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) की आपात बैठक में भविष्य की रणनीति के बारे में फैसला किया जाएगा।

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किसान आंदोलन 
मुख्य बातें
  • 1 दिसंबर को संयुक्त किसान मोर्चा की आपात बैठक
  • पंजाब के किसान नेताओं ने एमएसपी की कानूनी गारंटी मांगी
  • एमएसपी की कानूनी गारंटी सहित किसानों की अभी छह मांगें हैं

Kisan Andolan: तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का विधेयक संसद में पारित हो गया है। अब आंदोलनकारी किसानों के संगठन संयुक्त किसान मोर्चा ने आंदोलन पर फैसले को लेकर 1 दिसंबर को बैठक बुलाई है। बीकेयू कादियान के अध्यक्ष हरमीत सिंह कादियान ने बताया कि एक दिसंबर को एसकेएम (संयुक्त किसान मोर्चा) की बैठक होगी। आंदोलन, एमएसपी कमेटी पर अगला निर्णय  अगली बैठक में लिए जाएंगे। 

उन्होंने कहा कि 4 दिसंबर को होने वाली बैठक उसी के अनुसार होगी। यह एक आपातकालीन विशेष बैठक (1 दिसंबर को) है जो 11 दौर की वार्ता (सरकार के साथ) के लिए गए किसान संगठनों के प्रतिनिधियों द्वारा आयोजित की जाएगी।

इससे पहले पंजाब के किसान नेताओं ने कहा कि संसद में कृषि कानून निरस्त करने वाला विधेयक पारित होना हमारी जीत है। भविष्य के कदमों पर चर्चा के लिए संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक एक दिसंबर को होगी। किसानों के खिलाफ मुकदमे वापस लिए जाने चाहिए, एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी दी जाए, मांगों का जवाब देने के लिए केंद्र को 30 नवंबर तक का समय दिया गया है। 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 19 नवंबर को तीनों विवादास्पद कृषि कानूनों को वापस लेने के फैसले की घोषणा की थी। प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा ने 21 नवंबर को प्रधानमंत्री को एक पत्र लिख कर एमएसपी की कानूनी गारंटी सहित किसानों की छह मांगों पर फौरन वार्ता बहाल करने का अनुरोध किया था। 

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