Haryana : करनाल में किसान अड़े, खट्टर सरकार भी मांग सुनने को तैयार नहीं

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गौरव श्रीवास्तव
गौरव श्रीवास्तव | कॉरेस्पोंडेंट
Updated Sep 08, 2021 | 14:19 IST

Farmer's Protest : करनाल के जिस सेक्टर 12 में किसानों का धरना चल रहा है वहां उपायुक्त ऑफिस के साथ ही करीब 40 सरकारी दफ्तर, 20 के आसपास बैंक और कई प्राइवेट ऑफिस हैं।

Farmers at karnal mini secretariat khattar govt not ready to budge
करनाल के सेक्टर 12 में किसानों का धरना चल रहा है। 
मुख्य बातें
  • 7 सितम्बर को करनाल की नई अनाज मंडी में किसान महापंचायत बुलाई गई थी
  • करनाल प्रशासन को महापंचायत में इतनी बड़ी संख्या में भीड़ जुटने की उम्मीद नहीं थी
  • करनाल के एसडीएम रहे आयुष सिन्हा का वीडियो वायरल होने के बाद किसानों में नाराजगी

करनाल (हरियाणा) : करनाल में किसानों का धरना लघु सचिवालय के बाहर जारी है। आईएएस आयुष सिन्हा को बर्खास्त करने की मांग पर किसान अड़े हुए हैं। दरअसल, करनाल में हुए लाठीचार्ज के बाद 7 सितम्बर को किसान महापंचायत बुलाई गई थी। महापंचायत के बीच ही किसान नेताओं और करनाल प्रशासन के बीच हुई बैठक बेनतीजा रही। जिसके बाद हजारों किसानों ने मार्च निकाला और मंगलवार की रात उपायुक्त कार्यालय का घेराव कर लिया।

क्या हुआ था किसान महापंचायत में?
7 सितम्बर को करनाल की नई अनाज मंडी में किसान महापंचायत बुलाई गई थी। करनाल के एसडीएम रहे आयुष सिन्हा का वीडियो वायरल होने के बाद किसानों में नाराजगी थी। साथ ही पुलिस के लाठीचार्ज में घायल हुए किसानों के लिए मुआवजे की मांग भी किसान करते रहे।

महापंचायत में जुटी उम्मीद से ज्यादा भीड़!
करनाल प्रशासन को महापंचायत में इतनी बड़ी संख्या में भीड़ जुटने की उम्मीद नहीं थी। नई अनाज मंडी में हज़ारों की संख्या में किसान पहुंच गए। किसान मोर्चा ने पहले से ही अनाज मंडी से लघु सचिवालय तक मार्च का ऐलान कर रखा था। ऐसे में प्रशासन को लगा कि अगर इतनी बड़ी भीड़ राष्ट्रीय राजमार्ग NH-44 से होते हुए मार्च करेगी तो स्थिति को संभालना मुश्किल हो जाएगा। मौके को भांपते हुए 11 किसान नेताओं के साथ बैठक हुई जरूर लेकिन उसमें कोई नतीजा नहीं निकला। बैठक के दौरान ही शहर अनाज मंडी से लघु सचिवालय जाने वाले सभी रास्तों को ब्लॉक कर दिया गया था। लेकिन जब हज़ारों की भीड़ रास्ते पर उतरी तो हरियाणा पुलिस के सारे इंतेज़ाम धरे के धरे रहे गए। हालांकि इन सबके बीच सबसे राहत की बात ये रही कि कोई हिंसक झड़प नहीं हुई।

सरकार मांगे माने नहीं डंटे रहेंगे किसान!
करनाल मिनी सचिवालय के बाहर धरना चल रहा है। टेंट लग चुका है और 2-3 हज़ार किसान इस वक़्त जमे हुए हैं। मंच से इसी बात का ऐलान बार बार किया जा रहा कि जब तक मृत किसान के घर वालों को नौकरी-मुआवजा, हर घायल किसान को मुआवजा और आईएसएस आयुष सिन्हा को सस्पेंड नहीं किया जाएगा धरना चलता रहेगा। टाइम्स नाउ नवभारत से बात करते हुए किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि अब तो किसान बैठ गए हैं तो मांगे पूरी करवाकर ही मानेंगे। टिकैत ने ये भी कहा कि सरकार ने इंटरनेट सस्पेंड करके गलत किया है।

सरकारी कामकाज पर भी पड़ा असर!
करनाल के जिस सेक्टर 12 में किसानों का धरना चल रहा है वहां उपायुक्त ऑफिस के साथ ही करीब 40 सरकारी दफ्तर, 20 के आसपास बैंक और कई प्राइवेट ऑफिस हैं। मोबाइल इंटरनेट सर्विस पहले से ही सस्पेंड है लेकिन सारे दफ्तर बन्द हो जाने की वजह से आम लोग परेशान भी हो रहे हैं।

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