नई दिल्ली: तीन कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे आंदोलनकारी किसानों को गणतंत्र दिवस के मौके पर दिल्ली में ट्रैक्टर रैली निकालने की अनुमति मिल गई है। दिल्ली पुलिस ने पुष्टि की है कि किसानों की प्रस्तावित ट्रैक्टर परेड मंगलवार को गणतंत्र दिवस समारोह संपन्न होने के बाद कड़ी सुरक्षा के बीच शुरू होगी।
दिल्ली पुलिस के स्पेशल कमिश्नर (इंटेलिजेंस) दीपेंद्र पाठक ने बताया, 'गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर रैली निकालने की मांग का सम्मान करते हुए दिल्ली के 3 जगह सिंघु बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर और गाजीपुर बॉर्डर से बैरिगेट्स को हटाकर दिल्ली के अंदर मेन रोड पर कुछ किलोमीटर तक अंदर आने पर सहमति हुई है। टिकरी बॉर्डर से प्रवेश करने पर 63-64 किलोमीटर के स्ट्रेच, सिंघु बॉर्डर से 62-63 किलोमीटर के स्ट्रेच और गाजीपुर बॉर्डर से 46 किलोमीटर के स्ट्रेच की अनुमति है। ट्रैक्टरों को इस तरह से लाया जाए कि मार्च शांतिपूर्ण और अनुशासित तरीके से हो।'
ये होगा मार्ग
उन्होंने बताया, 'ट्रैक्टर रैली की सुरक्षा व्यवस्था के लिए हम पुलिस की तैनाती करेंगे क्योंकि ऐसा महसूस करते हैं कि कि रैली में गड़बड़ी पैदा करने वाले तत्व हैं। सिंघू बॉर्डर से रैली कंझावला, बवाना, औचंदी बॉर्डर, केएमपी एक्सप्रेसवे से गुजरती हुई वापस आएगी। टिकरी बॉर्डर से यह नागलोई तक जाएगी और नजफगढ़ और वेस्टर्न पैरिफेरल एक्सप्रेसवे से होकर गुजरेगी। गाजीपुर बॉर्डर से रैली 56 फुट की सड़क पर जाएगी और कुंडली-गाजियाबाद-पलवल एक्सप्रेसवे से गुजरते हुए वापस आ जाएगी।'
दिल्ली पुलिस के साथ मीटिंग के बाद स्वराज इंडिया के योगेंद्र यादव ने कहा, 'दिल्ली पुलिस की तरफ से आधिकारिक रूप से 26 जनवरी को ट्रैक्टर परेड निकालने की इजाजत मिल गई है। जितने भी साथी अपनी ट्रोलियां लेकर बैठें है। मैं उनसे अपील करता हूं कि सिर्फ ट्रैक्टर दिल्ली के अंदर लेकर आएं, ट्रोलियां न लेकर आएं।'
ऐसी होगी ट्रैक्टर परेड
आंदोलनकारी किसानों की गणतंत्र दिवस ट्रैक्टर परेड में विभिन्न राज्यों की कई झांकियां होंगी जो ग्रामीण जीवन, केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के साथ ही आंदोलनकारियों के साहस को दर्शाएंगी। यह जानकारी आयोजकों ने दी। एक किसान नेता ने पीटीआई-भाषा को बताया कि प्रदर्शन में शामिल होने वाले सभी संगठनों को परेड के लिए झांकी तैयार करने का निर्देश दिया गया है। उन्होंने कहा, 'देशभर से लगभग एक लाख ट्रैक्टर-ट्रॉलियां परेड में शामिल होंगी। इनमें से लगभग 30 प्रतिशत पर विभिन्न विषयों पर झांकी होगी, जिसमें भारत में किसान आंदोलन का इतिहास, महिला किसानों की भूमिका और विभिन्न राज्यों में खेती के अपनाये जाने वाले तरीके शामिल होंगे।' महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र के कुछ बच्चों ने किसानों की आत्महत्या पर एक झांकी की योजना बनाई है।
हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर और उत्तराखंड जैसे राज्यों की झांकी से पता चलेगा कि पहाड़ी क्षेत्रों में फलों और सब्जियों की खेती कैसे की जाती है। पंजाब और हरियाणा के प्रतिभागी पारंपरिक और आधुनिक कृषि तकनीक और महिलाओं द्वारा गाय का दूध निकालने और किसानों द्वारा बैलगाड़ी चलाने का प्रदर्शन करेंगे। प्रत्येक ट्रैक्टर पर तिरंगा लगा होगा और लोक संगीत एवं देशभक्ति के गीत बजाये जाएंगे।
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