आंदोलन और तेज करेंगे किसान संगठन, 18 फरवरी को चार घंटे के लिए देशव्यापी 'रेल रोको' प्रदर्शन 

Farmers Protest: किसान संगठनों ने अपना आंदोलन और तेज करने का संकेत दिया है। 'रेल रोको' प्रदर्शन देश भर में दिन के 12 बजे से शाम चार बजे तक करने की योजना है।

Farmers to intensify protest, 'Rail Roko' on February 18 for 4 hours
आंदोलन और तेज करेंगे किसान संगठन, 18 फरवरी को चार घंटे के लिए देशव्यापी 'रेल रोको' प्रदर्शन। 
मुख्य बातें
  • तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ अपना आंदोलन और तेज करेंगे किसान संगठन
  • संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में 18 फरवरी को 'रेल रोको' प्रदर्शन करने का फैसला
  • पुलवामा आतंकी हमले के शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए 14 फरवरी को 'मशाल जुलूस'

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील के बावजूद किसान संगठन अपना आंदोलन खत्म करने के लिए तैयार नहीं हैं। किसान संगठनों ने कहा है कि वह आगामी 18 फरवरी को चार घंटे के लिए 'रेल रोको' प्रदर्शन करेंगे। किसान संगठनों ने अपना आंदोलन और तेज करने का संकेत दिया है। 'रेल रोको' प्रदर्शन देश भर में दिन के 12 बजे से शाम चार बजे तक करने की योजना है। यही नहीं किसान संगठनों ने 12 फरवरी से राजस्थान में सभी रोड टोल प्लाजा को मुक्त करने का फैसला भी किया है। संयुक्त किसान मोर्चा की बुधवार की हुई बैठक में आंदोलन से जुड़े ये अहम फैसले लिए गए। 

आंदोलन खत्म करने की पीएम ने की है अपील
बता दें कि गत सोमवार को राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब देते हुए पीएम मोदी ने किसान संगठनों से अपना आंदोलन खत्म करने की अपील की। पीएम ने कहा कि एमएसपी थी, है और आगे भी रहेगी, इसलिए किसानों का अपना आंदोलन खत्म कर देना चाहिए। पीएम की इस अपील के बाद भी किसान संगठन अपने मांग से पीछे हटने के लिए तैयार नहीं हैं। वे तीन कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की अपनी मांग पर अड़े हैं। 

14 फरवरी को 'मशाल जुलूस' निकालेगा मोर्चा
संयुक्त किसान मोर्चा ने अपने एक बयान में कहा कि पुलवामा हमले के शहीदों की श्रद्धांजलि देने के लिए उसकी तरफ से 14 फरवरी को देश भर में 'मशाल जुलूस' निकाला जाएगा। मोर्चा का कहा है कि जाट नेता सर छोटू राम की जयंती के मौके पर 16 फरवरी को वह अपनी एकजुटता प्रदर्शित करेगा। वहीं, लोकसभा में पीएम ने बुधवार को कहा कि 'कृषि कानून वैकल्पिक हैं, अनिवार्य नहीं।' उन्होंने कहा, 'किसान आंदोलन पवित्र है लेकिन आंदोलनकारी और आंदोलनजीवियों में फर्क करना जरूरी है।'

पीएम ने चौधरी चरण सिंह का जिक्र किया
कृषि क्षेत्र में निवेश पर जोर देते हुए प्रधानमंत्री ने किसान नेता चौधरी चरण सिंह का जिक्र किया। पीएम ने कहा, 'चौधरी चरण सिंह कहते थे कि पूरे देश को एक कृषि बाजार के तौर पर देखना चाहिए। हम 21वीं सदी कि कृषि को 18वीं सदी की मानसिकता के साथ नहीं देख सकते।' पीएम ने कहा कि उनकी सरकार किसानों की आय दोगुनी करने के लिए प्रतिबद्ध है। किसान आंदोलन पर कांग्रेस के रुख को लेकर पीएम ने उस पर जमकर प्रहार किया। इस दौरान कांग्रेस लोकसभा से वाकआउट कर गई। 

लोकसभा में विपक्ष के नेता एवं कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा, 'सरकार को सभी की भलाई के लिए कानून लाना चाहिए था। किसान यही चाहते हैं, इन कानूनों को सरकार वापस ले।'

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