नई दिल्ली : केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बुधवार को कहा कि कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसान संगठन कृषि क्षेत्र में सुधारों के लिए लाए गए कानूनों को समझेंगे और चर्चा के बाद वे तेजी से एक समाधान पर पहुचेंगे। तोमर ने मीडियाकर्मियों से बातचीत में कहा, 'भारत सरकार किसानों की भलाई के लिए प्रतिबद्ध है। हमने कानूनों की खिलाफत करने वालों और समर्थन करने वालों दोनों के साथ बैठक करते आए हैं।' गुरुवार को किसान 'ट्रैक्टर मार्च' निकालने वाले हैं।
जल्द ही समाधान पर पहुंचेंगे किसान-तोमर
केंद्रीय मंत्री ने कहा, 'मुझे उम्मीद है कि प्रदर्शन करने वाले किसान संगठन कृषि कानूनों के पीछ के विचार को समझेंगे और वे किसानों की भलाई के बारे में सोचेंगे। हम उम्मीद करते हैं कि जल्द ही सकारात्मक बातचीत के जरिए वे एक समाधान पर पहुंचेंगे।' कृषि कानूनों पर बने गतिरोध को तोड़ने के लिए सरकार और किसान संगठनों के बीच सात दौर की वार्ता हो चुकी है लेकिन अभी इस समस्या का हल नहीं निकल सका है।
कृषि कानूनों पर नहीं बन पा रही बात
किसानों के चार प्रमुख मुद्दों में से दो पर सरकार के साथ सहमति बन गई है। सरकार का कहना है कि वह कृषि कानूनों को वापस नहीं लेगी जबकि किसान संगठन इन कानूनों को रद्द करने की मांग पर अड़े हैं। किसानों की मांग एमएसपी को कानूनी दर्जा दिए जाने की मांग है। इस पर सरकार का कहना है कि वह एमएसपी के जारी रहने पर लिखित में आश्वासन दे सकती है। कृषि कानूनों पर सरकार के रुख में को बदलाव आता न देख किसान संगठनों ने मंगलवार को अपना आंदोलन तेज करने का संकेत दिया।
26 नवंबर से जारी किसानों का आंदोलन
स्वराज इंडिया के योगेंद्र यादव ने बुधवार को कहा कि सात जनवरी को दिल्ली की सभी सीमाओं पर किसान 'ट्रैक्टर मार्च' निकालेंगे। गत 26 नवंबर से किसान दिल्ली की सीमाओं पर डटे हुए हैं। किसानों का कहना है कि जब तक सरकार तीनों कृषि कानूनों का वापस नहीं लेती तब तक वे अपना आंदोलन वापस नहीं लेंगे। पंजाब-हरियाणा एवं अन्य राज्यों के हजारों किसान टिकरी, सिंघु और गाजियाबाद बॉर्डर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रदर्शन के दौरान कई किसानों की जान जा चुकी है।
पीएम मोदी ने कई बार दिया है किसानों को भरोसा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसानों को कई बार भरोसा दे चुके हैं कि इन कानूनों से उनकी आय में वृद्धि होगी। पीएम का कहना है कि विपक्ष कृषि कानूनों के बारे में भ्रांतियां फैलाते हुए किसानों को गुमराह कर रहा है। पीएम ने पिछले महीने में मध्य प्रदेश के किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि एमएसपी यदि बंद करनी होती तो उनकी सरकार स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू ही नहीं करती। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने समय-समय पर एमएमपी बढ़ाई है और पहले की सरकारों की तुलना में फसलों की खरीद ज्यादा हुई है।
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