हमने कभी बंदूक नहीं उठाई, पत्थर नहीं मारे फिर भी हमें क्या-क्या कहा गया: फारूक अब्दुल्ला

Farooq Abdullah News: फारूक अब्दुल्ला ने जम्मू में मंगलवार को पार्टी के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि 'हमने कभी भारत के खिलाफ नारा नहीं लगाया। हमें पाकिस्तानी कहा गया। यहां तक मुझे खालिस्तानी भी कहा गया। कहा गया कि मैं भिंडरावाले से मिला हुआ हूं।'

Farooq Abdulla says We have not picked up guns or grenades or hurled a stone
फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि वह गांधी का भारत चाहते हैं।  |  तस्वीर साभार: PTI
मुख्य बातें
  • मंगलवार को जम्मू में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए दिया बयान
  • फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि उन्होंने कभी भारत के खिलाफ नारेबाजी नहीं की
  • जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम ने कहा कि वह गोडसे का नहीं गांधी का भारत चाहते हैं

जम्मू : नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता एवं जम्मू एवं कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने मंगलवार को जम्मू में कहा कि उन्होंने कभी भी भारत के खिलाफ नारेबाजी नहीं की फिर भी उन्हें पाकिस्तानी और खालिस्तानी कहा गया। पूर्व सीएम ने कहा कि हमने कभी बंदूक नहीं उठाई, ग्रेनेड नहीं उठाया और पत्थर नहीं मारे। हम गांधी के रास्ते पर चलते हैं। हम गांधी के हिंदुस्तान को वापस लाना चाहते हैं। पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए अब्दुल्ला ने कहा कि जम्मू कश्मीर में स्थिति गंभीर है क्योंकि प्रधानमंत्री मोदी 'दिल की दूरी और दिल्ली की दूरी' मिटाने के अपने वादे को पूरा करने में नाकाम रहे हैं।

यहां तक मुझे खालिस्तानी कहा गया-फारूक

उन्होंने कहा, 'हमने कभी भारत के खिलाफ नारा नहीं लगाया। हमें पाकिस्तानी कहा गया। यहां तक मुझे खालिस्तानी भी कहा गया। कहा गया कि मैं भिंडरावाले से मिला हुआ हूं। मैं पूछता हूं कि मैंने किस गुरुद्वारे में गोली चलवाई। ये समझते हैं कि हम डर जाएंगे। हमने डरने वाला नमक नहीं खाया है। हम आपका मुकाबला ईमानदारी से करेंगे।'

उन्होंने कहा, 'हमने कभी बंदूक नहीं उठाई, ग्रेनेड नहीं उठाया और पत्थर नहीं मारे। हम गांधी के रास्ते पर चलते हैं। हम गांधी के हिंदुस्तान को वापस लाना चाहते हैं। हमारा इकरार गांधी के हिंदुस्तान से हुआ है, गोडसे के हिंदुस्तान से नहीं। हमने कभी हिंदू, मुसलमान और सिख में कोई फर्क नहीं किया। मुझे यदि नेहरू के खानदान में पैदा किया होता तो मैं आज ब्राह्मण होता।'

'हमारी लड़ाई हमारे अधिकारों के लिए है'

अब्दुल्ला ने कहा, 'हमें एकजुट होना होगा और अपने अधिकारों के लिये लड़ना होगा। हमनें बंदूक या हथगोले नहीं उठाए और न ही पत्थर फेंके। हम प्रधानमंत्रीपद या राष्ट्रपति पद नहीं चाहते हैं बल्कि हमारी लड़ाई हमारे अधिकारों के लिये है जो हमसे छीन लिए गए हैं। हम लड़ेंगे और ईमानदारी से लड़ेंगे क्योंकि हम (महात्मा) गांधी के मार्ग पर हैं और गांधी का भारत बहाल करना चाहते हैं।' संसद के कामकाज को लेकर भाजपा नीत केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए लोकसभा सांसद ने कहा कि सत्तारूढ़ दल की विपक्ष को धैर्यपूर्वक सुनने की क्षमता लुप्त हो गई है।

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