'दोस्त बदले जा सकते हैं लेकिन पड़ोसी नहीं', वाजपेयी की बात याद दिलाकर फारूक बोले- पाक के साथ बात करे भारत

देश
किशोर जोशी
Updated Feb 22, 2021 | 07:25 IST

फारूक अब्दुल्ला के इस बयान से पहले रविवार को ही जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने सरकार से पाकिस्तान के साथ बातचीत करने को कहा था।

Farooq Abdullah urges Centre to initiate talks with Pakistan
फारूक अब्दुल्ला बोले-चीन की तरह पाकिस्तान से भी बात करे भारत 
मुख्य बातें
  • फारूक अब्दुल्ला भी बोले- चीन की तरह पाकिस्तान से भी बात करे केंद्र सरकार
  • यह सच है कि आतंकवाद अभी भी है. जब वे कहते हैं कि आतंकवाद खत्म हो गया है तो वे गलत हैं- फारूक
  • महबूबा मुफ्ती ने भी की थी केंद्र से पाकिस्तान के साथ बातचीत करने की अपील

नई दिल्ली: जम्मू- कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष तथा सांसद फारूक अब्दुल्ला ने एक बार फिर केंद्र सरकार से आग्रह किया है कि वह पाकिस्तान के साथ बातचीत करे। फारूक अब्दुल्ला ने सरकार को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के कथन को याद दिलाते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद खत्म करने के लिए सरकार को पाकिस्तान के साथ बातचीत करनी चाहिए। इससे पहले पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने भी सरकार से पाकिस्तान के साथ बातचीत करने का आग्रह किया था। 

क्या बोले फारूक

नेशनल कांफ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला ने कहा, 'यह सच है कि आतंकवाद अभी भी मौजूद है। वे गलत हैं जब वे कहते हैं कि यह (आतंकवाद) समाप्त हो गया है। अगर हम आतंकवाद को खत्म करना चाहते हैं, तो हमें अपने पड़ोसियों से बात करनी चाहिए। मुझे वाजपेयी की यह टिप्पणी याद है कि दोस्त बदले जा सकते हैं लेकिन पड़ोसी नहीं। मैं उनसे (केंद्र सरकार) पाकिस्तान के साथ बातचीत करने की अपील करता हूं ताकि वे उसी तरह का रास्ता निकाल सकें जैसा चीन के साथ बातचीत कर निकाला गया था  जिसके बाद चीनी पीएलए सैनिकों ने (एलएसी से) निकलना शुरू किया।'

महबूबा का बयान
इससे पहले पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने भी कुछ इसी तरह की वकालत की थी। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडपीपी) प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने  कुपवाड़ा जिले के जिरहामा इलाके का दौरा करने के बाद रविवार को कहा कि ना तो युद्ध और ना ही बंदूक कोई समाधान है तथा जम्मू कश्मीर मुद्दे का हल भारत और पाकिस्तान के बीच सिर्फ बातचीत के जरिए हो सकता है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को वार्ता प्रक्रिया में केंद्र शासित प्रदेश के लोगों को भी शामिल करना चाहिए। वह शुक्रवार को आतंकवादी हमले में मारे गये एक पुलिसकर्मी के परिवार से मिलने के लिए वहां गई थीं।

युद्ध नहीं है किसी भी मुद्दे का समाधान
महबूबा ने कहा था, ‘जम्मू कश्मीर, भारत और पाकिस्तान के बीच जंग का मैदान बन गया है और लोग--पुलिसकर्मी, आम आदमी तथा सुरक्षाकर्मी--दोनों ओर (सीमा के) मारे जा रहे हैं। किसी भी मुद्दे का समाधान युद्ध नहीं है। बंदूक से कोई मुद्दा नहीं सुलझा है, चाहे वह आतंकवादी हों या सुरक्षा बल। इसलिए, हमें सोचना चाहिए कि दुनिया में जिस तरह कोई भी मुद्दा वार्ता के जरिए सुलझाया जाता है, उसी तरह से पाकिस्तान के साथ भी तथा जम्मू कश्मीर में भी वार्ता करने की जरूरत है।’

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