भ्रूण हत्या- बाल विवाह का सीधा संबंध महंगाई से, हेमंत सोरेन का दिव्य ज्ञान

झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन का कहना है कि अगर महंगाई पर लगाम नहीं लगी तो उसका असर बाल विवाह और भ्रूण हत्या पर होगा। इस तरह के मामलों में इजाफा होगा।

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भ्रूण हत्या- बाल विवाह का सीधा संबंध महंगाई से, हेमंत सोरेन का दिव्य ज्ञान 
मुख्य बातें
  • महंगाई का सीधा असर भ्रूण हत्या और बाल विवाह पर
  • विधानसभा में हेमंत सोरेन बोले, केंद्र सरकार को कुछ करना पड़ेगा
  • महंगाई की वजह से बेटा और बेटी में भेद होगा।

महंगाई की मार से हर कोई परेशान है। पिछले पांच दिनों में पेट्रोल और डीजल के दामों में चार बार इजाफा हो चुका है। विपक्षी दलों ने केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। विपक्षी दलों का कहना है कि यही तो बीजेपी सरकार का रिटर्न गिफ्ट है। इन सबके बीच  झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने विधानसभा में अपनी चिंता जाहिर की और आगे कहा कि महंगाई का सबसे ज्यादा असर भ्रूण हत्या और बाल विवाह पर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को महंगाई के बारे में सोचना चाहिए कि कैसे लोगों को राहत मिले।

बाल विवाह के मामलों में होगा इजाफा 

हेमंंत सोरेन ने कहा कि बढ़ती महंगाई की वजह से भ्रूण हत्या के साथ साथ बाल विवाह के मामलों में इजाफा होगा। सोरेन कहते हैं कि अब लोगों को सोचना पड़ेगा कि वो पहले बेटे को पढ़ाएं या बेटी को। बढ़ती महंगाई की वजह से लोग सीधे तौर पर बच्चियों को पढ़ाने से हिचकेंगे। लोगों का जोर होगा कि जल्दी से जल्दी शादी कर जिम्मेदारी के बोझ से हटा जाए। ऐसी सूरत में बाल विवाह के मामले बढ़ेंगे। इसके साथ ही भ्रूण में ही बच्चियों को मारने का चलन बढ़ेगा। यह चिंता की बात है और हम सबको सोचना ही होगा कि आखिर इससे किस तरह निपटा जाए। उन्होंने कहा कि बढ़ती महंगाई का सबसे ज्यादा असर गरीब, आदिवासी और अल्पसंख्यक समाज पर पड़ने वाला है। 

संसाधनों के बाद भी पैसे की कमी
इसके साथ ही हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखंड के पास खनिज संपदाओं की कमी नहीं है। खनिज संपदाओं के दोहन के बाद कंपनियां लाभ कमा रही हैं लेकिन हमें संसाधनों का रोना है। कोल कंपनियों पर झारखंड सरकार का करीब 1 लाख 36 हजार करोड़ रुपए बकाया है। हम उन कंपनियों को चेतावनी देते हैं कि अगर समय पर उन्होंने भुगतान नहीं किया तो कोल माइंस के चारों तरफ घेराबंदी कर देंगे। राज्य सरकार के पास जो संसाधन हैं उनके बल पर सरकार आम लोगों की सेवा कर रही है। केंद्र सरकार की तरफ से उचित मदद नहीं मिल पा रही है और उसका असर राज्य सरकार की विकास की योजनाओं पर पड़ रहा है। 

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