अनूठी पहल: वायरस से ठीक होकर विकसित की प्रतिरोधक क्षमता, अब कोरोना केंद्रों में करेंगे काम!

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Updated Apr 12, 2020 | 11:05 IST

ठीक हो चुके पांच मरीज स्वेच्छा से कोविड-19 देखभाल केंद्र पर काम करने को तैयार हो गए हैं। इनमें बीमारी के प्रति रोग प्रतिरोध क्षमता विकसित होने की संभावना है और दोबारा संक्रमित होने की कम आशंका है।

Five cured patients ready to volunteer work at Kovid-19 care center
प्रतीकात्मक तस्वीर 

अहमदाबाद: अहमदाबाग नगर निकाय ने अनूठी पहल शुरू करते हुए कोरोना वायरस संक्रमण से उबरे पांच व्यक्तियों को कोविड-19 देखभाल केंद्र में स्वयंसेवी के तौर पर काम करने के लिए तैयार किया है। यह केंद्र ऐसे कोविड-19 मरीजों के लिए स्थापित किया गया है जिनमें बीमारी के कोई लक्षण नजर नहीं आते और उनमें पहले से कही कोई गंभीर स्वास्थ्य समस्या नहीं है।

अहमदाबाद नगरपालिका आयुक्त विजय नेहरा ने शनिवार को कहा कि यह पहल इसलिए शुरू की गई है क्योंकि ठीक हुए मरीजों में बीमारी के प्रति रोग प्रतिरोध क्षमता विकसित कर लेने की संभावना होती है और उनके दोबारा संक्रमित होने की आशंका अन्य की तुलना में बहुत कम होती है।

उन्होंने कहा कि अहमदाबाद में संक्रमण के मामले बढ़ने के बीच, नगर निकाय ने कोविड देखभाल केंद्र शुरू किया है। यह 18 से 60 साल के बिना लक्षण वाले ऐसे कोरोना वायरस मरीजों के लिए एक अलग केंद्र है जिन्हें स्वास्थ्य से जुड़ी कोई अन्य समस्या नहीं है। इसका लक्ष्य अस्पताल के बेड नाजुक स्थिति वाले मरीजों के लिए सुरक्षित रखना है जिन्हें चिकित्सीय देखभाल की जरूरत होती है।

नेहरा ने कहा, 'अहमदाबाद नगरपालिका ने कोरोना वायरस संक्रमण से ठीक हुए पांच लोगों से संपर्क किया और अलक्षणी कोविड-19 मरीजों जो किसी अन्य गंभीर स्वास्थ्य समस्या से ग्रसित नहीं हैं, के लिए स्थापित इस देखभाल केंद्र में स्वयंसेवियों के तौर पर काम करने के लिए उनकी सहमति ली।'

उन्होंने कहा कि अहमदाबाद में सामने आए कुल 243 मामलों में से 30 मरीज ऐसे हैं जिन्हें अस्पताल से किसी अलग देखभाल केंद्र में स्थानांतरित किया जा सकता है।

उन्होंने बताया, 'यह तथ्य है कि जो लोग किसी विषाणु के संक्रमण से ठीक होते हैं वे इसके प्रति रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित कर लेते हैं। उनमें एंटीबॉडीज होती हैं और उनके दोबारा संक्रमित होने की आशंका अन्य के मुकाबले कम होती है। एसवीपी अस्पताल से छुट्टी पाने वाले सात में से पांच लोग स्वयंसेवी के तौर पर काम करने के लिए तैयार हैं।'

नेहरा ने बताया कि केंद्र पर काम करने के लिए उन्हें व्यक्तिगत सुरक्षात्मक उपकरण (पीपीई) दिए जाएंगे। कोविड देखभाल केंद्र की योजना दो महीने पहले बनाई गई थी और यह विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) तथा केंद्र सरकार के निर्देशों के मुताबिक स्थापित किया गया है। इसमें डॉक्टरों की टीम, अन्य चिकित्सा स्टाफ और एंबुलेंस की सुविधा होगी।

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