IAF Flying Bullets, Tejas: आखिरकार.. दुश्मन से मुकाबले को तेजस पूरी तरह तैयार; आज शुरु होगी दूसरी स्क्वाड्रन

देश
प्रभाष रावत
Updated May 27, 2020 | 11:01 IST

Flying Bullets squadron For FOC Tejas: भारतीय वायुसेना फाइनल ऑपरेशनल क्लीरियरेंस वाले स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस के लिए फ्लाइंग बुलेट्स स्क्वाड्रन का संचालन फिर से शुरु करने जा रही है।

LCA Tejas Second fighter Squadron
तेजस स्वदेशी लड़ाकू विमान (फाइल फोटो) 
मुख्य बातें
  • FOC तेजस लड़ाकू विमान के लिए भारतीय वायुसेना शुरु करेगी फ्लाइंग बुलेट्स स्क्वाड्रन का संचालन
  • फ्लाइंग डेगर्स के बाद भारतीय वायुसेना को मिलेगी तेजस की दूसरी स्क्वाड्रन
  • FOC तेजस दुश्मन से लोहा लेने को तैयार, स्क्वाड्रन पूरी होने पर भेजी जा सकती है जम्मू कश्मीर

नई दिल्ली: भारतीय वायुसेना को आखिरकार उस तेजस लड़ाकू विमान के स्वागत के लिए तैयारी करने जा रही है जो सीमा पर दुश्मन के लड़ाकू विमान से टक्कर लेगा और देश की हवाई सीमाओं की हिफाजत करेगा। भारतीय वायुसेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया फाइनल ऑपरेशन क्लीयरेंस वाले लड़ाकू विमानों के लिए आज तेजस की दूसरी स्क्वाड्रन फ्लाइंग बुलेट्स को फिर से ऑपरेशनल करने जा रहे हैं।

IAF चीफ एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया बुधवार को सुलूर एयरबेस में नंबर 18 स्क्वाड्रन फ्लाइंग बुलेट्स का संचालन शुरु करेंगे। स्क्वाड्रन स्वदेशी रूप से विकसित LCA तेजस FOC विमान से लैस होगी। इस स्क्वाड्रन का गठन पहली बार 15 अप्रैल, 1965 को किया गया था और यह MIG-27 फाइटर जेट्स को संचालित करने के लिए इस्तेमाल की जाती रही है हालांकि मिग-27 के रिटायर होने के साथ इसका संचालन बंद कर दिया गया था।

जम्मू कश्मीर भेजी जा सकती है फ्लाइंग बुलेट्स:

तेजस की दूसरी स्क्वाड्रन को शुरुआत में दक्षिण भारत स्थित सुलूर एयरबेस से संचालित किया जाएगा लेकिन करीब 18 विमान के साथ इस स्क्वाड्रन के पूरे हो जाने के बाद इसे जम्मू कश्मीर भेजा जा सकता है जहां यह पाकिस्तान की ओर से किसी भी तरह के संभावित तनाव की स्थिति में अपना योगदान देगी।

गौरवशाली है फ्लाइंग बुलेट्स का इतिहास:

फिर से शुरु की जा रही इस स्क्वाड्रन ने 1971 में पाकिस्तान के साथ युद्ध में भाग लिया था और इससे जुड़े फ्लाइंग ऑफिसर निर्मल जीत सिंह सेखों को मरणोपरांत 'परमवीर चक्र' से सम्मानित किया गया था। यह स्क्वाड्रन श्रीनगर से से संचालित होने वाला पहला स्क्वाड्रन था।

'फ्लाइंग डेगर्स' से शुरु हुआ था सफर:

नंबर 18 स्क्वाड्रन फ्लाइंग बुलेट्स ’LCA तेजस को उड़ाने वाल दूसरा IAF स्क्वाड्रन होगी। फ्लाइंग बुलेट्स से पहले फ्लाइंग डेगर्स नाम से नंबर 45 स्वाड्रन बनाई गई थी और इसी के साथ भारतीय वायुसेना में तेजस का सफर शुरु हुआ था लेकिन यह इनीशियल ऑपरेशनल क्लीयरेंस (आईओसी) श्रेणी वाले विमान थे जो युद्ध में जाने के लिए पूरी तरह से तैयार नहीं थे।

IAF ने जून 2018 से 16 हथियारबंद तेजस फाइटर जेट्स को अपने लड़ाकू बेड़े में शामिल किया है। चौथी पीढ़ी का यह लड़ाकू विमान रक्षा अनुसंधान और विकास (DRDO) के एयरोनॉटिक्स डेवलपमेंट एजेंसी (ADA) द्वारा डिज़ाइन किया गया है और देश में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) इसका उत्पादन करता है।

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