नई दिल्ली: राज्यसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित करने के बाद भी सरकारी बंगले की सुविधा ले रहे जनता दल (यूनाइटेड) (JDU) के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव को दिल्ली हाई कोर्ट से झटका लगा है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी व न्यायमूर्ति नवीन चावला की पीठ ने कहा कि शरद यादव को अयोग्य घोषित हुए चार साल से अधिक का समय बीत चुका है और उनके लिए सरकारी आवास बनाए रखने का कोई औचित्य नहीं है।
पीठ ने शरद यादव को दिल्ली स्थित सरकारी बंगला 15 दिनों के अंदर खाली करने का निर्देश दिया है, शरद यादव को 2017 में राज्यसभा सांसद के तौर पर अयोग्य घोषित कर दिया गया था। केंद्र सरकार की अर्जी पर कोर्ट ने ये फैसला दिया है।
शरद यादव दिल्ली के 7 तुगलक रोड पर स्थित सरकारी बंगले में रह रहे हैं जो अब उनको खाली करना होगा यह बंगला केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस को आवंटित हो चुका है, शरद यादव के बाद वो इस बंगले में शिफ्ट होंगे।
शरद यादव ने 2017 में कई आधारों पर राज्यसभा सांसद ने अपनी अयोग्यता को चुनौती देते हुए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था गौर हो कि वो कई बार लोकसभा और राज्य सभा के सांसद रहे हैं और केंद्र में मंत्री भी रहे हैं वो जनता दल यूनाइटेड के अध्यक्ष भी रहे हैं शरद यादव लंबे समय से बीमार हैं, ऐसे में वो राजनीति में बहुत सक्रिय नहीं हैं।
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