'फ्री बिजली सबका मूलभूत अधिकार है' आप सांसद संजय सिंह, राज्यसभा में पेश किया प्राइवेट मेंबर बिल 

देश
कुंदन सिंह
कुंदन सिंह | Special Correspondent
Updated Apr 01, 2022 | 17:36 IST

आम आदमी पार्टी सांसद संजय सिंह का मानना है कि देश के संसाधनों से ही बिजली का निर्माण होता है तो देश के लोगों का बिजली पर बराबर हक बनता है। उन्होंने राज्यसभा में प्राइवेट मेंबर बिल पेश किया। 

'Free electricity is a fundamental right of all' AAP MP Sanjay Singh, introduced private member bill in Rajya Sabha
देश में नेताओं को हजारों यूनिट बिजली बिल्कुल मुफ्त दे दी जाती है तो देश के गरीबों, किसानों, मजदूरों को क्यों नहीं? 

आम आदमी पार्टी सांसद संजय सिंह ने फ्री बिजली के अधिकार को मूलभूत अधिकारों में शामिल करने के लिए राज्यसभा में प्राइवेट मेंबर बिल के रूप में प्रस्ताव दिया है। इस बिल में सांसद संजय सिंह ने देश के सभी ग्रामीण एवं शहरी परिवारों के साथ ही किसानों, मजदूरों, महिलाओं एवं व्यापारियों आदि को फ्री बिजली प्रदान करने का प्रस्ताव रखा है। 

आप सांसद का मानना है कि देश के संसाधनों से ही बिजली का निर्माण होता है तो देश के लोगों का बिजली पर बराबर हक बनता है। सांसद संजय सिंह ने यह प्रश्न खड़ा किया है कि देश में नेताओं को हजारों यूनिट बिजली बिल्कुल मुफ्त दे दी जाती है तो देश के गरीबों, किसानों, मजदूरों और परिवारों को क्यों यह अधिकार नहीं दिया जा सकता? देश में आसमान छूते बिजली के दामों ने गरीब से लेकर अमीर तक और मजदूर से लेकर व्यापारी तक हर व्यक्ति को परेशान कर रखा है। आदमी जितना कमाता है उसका एक बड़ा हिस्सा सिर्फ बिजली के बिल चुकाने में चला जाता है।

सांसद संजय सिंह ने फ्री बिजली के लिए अधिकार का प्राइवेट मेंबर बिल लगाया, देश मे सभी को एक निश्चित मात्रा में फ्री बिजली देने की मांग की बिजली के बढ़ते दामों ने गरीब और मध्यम वर्ग की कमर तोड़ दी। फ्री बिजली के अधिकार के लिए संसद में कानून बनना जरूरी हो गया है। गरीबों की कमाई का एक बड़ा हिस्सा सिर्फ बिजली के बिल चुकाने में चला जाता है। नेताओं की हजारों यूनिट बिजली फ्री है तो जनता को 200-300 यूनिट बिजली फ्री क्यों नहीं दी जा सकती? बिजली के निजीकरण ने इसके दामों को आसमान पर पहुंचा दिया है। निजीकरण से बिजली के दामों पर सरकारों का नियंत्रण लगभग खत्म होता जा रहा है।

आज व्यक्ति के जीवन में ऐसा कोई काम नहीं है जो बिना बिजली के चल सके। शिक्षा, स्वास्थ्य, व्यापार, ट्रांसपोर्ट हर जगह पर बिजली की बहुतायत मांग है। ऐसे में बिजली के दाम रोज महंगाई का नया रिकार्ड बना रहे हैं। इसके बाद भी सरकारें बिजली के दामों को बढ़ने से रोकने के बजाय इसका निजीकरण किये जा रही हैं। जिसके कारण बिजली के दामों पर से सरकार का नियंत्रण बिल्कुल खत्म सा होता जा रहा है और निजी कंपनियां मनमाने ढंग से लोगों के ऊपर बिजली बिल का बोझ बढ़ा रही है।

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