जिसने गुलाम नबी आजाद पर कांग्रेस को तोड़ने का लगाया था आरोप, अब उसी ने दिया भाजपा में शामिल होने का ऑफर

देश
शिशुपाल कुमार
शिशुपाल कुमार | Principal Correspondent
Updated Aug 26, 2022 | 20:27 IST

राज्यसभा चुनाव के दौरान कुलदीप बिश्नोई ने बागी रूख अपनाते हुए कांग्रेस के विरोधी को वोट दे दिया था। जिसके बाद पार्टी ने उन्हें हटा दिया था।

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भाजपा में कुछ दिन पहले ही शामिल हुए हैं कुलदीप बिश्नोई  |  तस्वीर साभार: फेसबुक
मुख्य बातें
  • कभी कुलदीप बिश्नोई ने लगाया था गुलाम नबी आजाद पर गंभीर आरोप
  • तब कुलदीप बिश्नोई थे कांग्रेस विधायक
  • हाल ही में भाजपा में शामिल हुए हैं कुलदीप बिश्नोई

कांग्रेस के एक और नेता गुलाम नबी आजाद ने शुक्रवार को पार्टी को अलविदा कह दिया। उन्होंने पार्टी से इस्तीफा देते हुए राहुल गांधी पर कई आरोप लगाए हैं। लेकिन कहते हैं न राजनीति में कोई किसी का स्थाई दुश्मन नहीं होता है, कभी आजाद पर कांग्रेस को तोड़ने का आरोप लगाने वाले कुलदीप बिश्नोई अब उन्हें बीजेपी में शामिल होने का ऑफर दे रहे हैं।

कौन हैं कुलदीप बिश्नोई

कुलदीप बिश्नोई भी पहले कांग्रेसी थे। कांग्रेस से ही विधायक थे। राज्यसभा चुनाव में जब बगावत करके कांग्रेस उम्मीदवार अजय माकन के खिलाफ वोटिंग की थी तो पार्टी ने उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया था। उसके बाद बिश्नोई भाजपा की नीतियों में आस्था जताते हुए बीजेपी में शामिल हो गए थे।

अब क्या कहा 

कभी राहुल गांधी की बड़ाई करने वाले कुलदीप बिश्नोई ने उन्हें घमंडी बताते हुए आजाद को भाजपा में शामिल होने का ऑफर भी दे दिया। इतना ही नहीं जिस आजाद के खिलाफ उन्होंने कभी गंभीर आरोप लगाए थे, उन्हीं को मनाने की जिम्मेदारी भी पार्टी से मांग ली। उन्होंने कहा- "यह कहना गलत नहीं होगा कि कांग्रेस आत्म-विनाश, आत्मघाती मोड में है। मेरा सुझाव है कि राहुल गांधी अपने अहंकार को अलग रखें....गुलाम नबी आजाद का भाजपा में स्वागत है। पार्टी मुझसे पूछे तो मैं उन्हें पार्टी में शामिल होने के लिए मना सकता हूं।"

कब लगाए थे आजाद पर आरोप

दो साल पहले जब बिहार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को उम्मीद से कम सीटें मिलीं थीं, तब गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस नेतृत्व पर सवाल उठाए थे। इसी समय बिश्नोई ने उनपर हमला बोला था। बिश्नोई ने कहा था कि आजाद विपक्षी दलों के साथ मिलकर कांग्रेस तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने आजाद के चुनाव न लड़ने पर भी सवाल उठाया था। उन्होंने कहा था कि आजाद का कश्मीर मे कोई जनाधार नहीं है। उन्होंने अपने समय में कभी संगठन में चुनाव की बात नहीं की, आज वो चुनाव कराने की बात कह रहे हैं।

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