दुनिया भर की एयरलाइंस 5G से डरीं, हजारों यात्री फंसे, जानें अमेरिका में किस खतरे का डर

5 G Service Vs Airlines: अमेरिका में 5 जी सेवाओं के शुरू होने से दुनिया भर की एयरलाइन कंपनियों में हड़कंप मच गया। फ्लाइट ऑपरेशन में दिक्कत को देखते हुए 450 से ज्यादा फ्लाइट कैंसिल कर दी गईं।

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एयर इंडिया ने भी 5 जी की डर से रद्द की फ्लाइट  |  तस्वीर साभार: BCCL
मुख्य बातें
  • अमेरिका में 5 जी सेवाओं से एविएशन इंडस्ट्री में इस्तेमाल होने वाले अल्टीमीटर के संचालन में गड़बड़ी की आशंका है।
  • एयर इंडिया ने भी खतरे को देखते हुए 8 उड़ानों को रद्द कर दिया।
  • अच्छी खबर यह है कि बुधवार को 5 जी सेवाएं शुरू होने के बाद अभी तक कोई बड़ा व्यवधान नहीं देखा गया है।

नई दिल्ली: आम तौर पर तकनीकी जीवन को आसान करती हैं। लेकिन अमेरिका में 5 जी तकनीकी ने दुनिया भर के हजारों एयरलाइन यात्रियों के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी हैं। अब तक एयर इंडिया, एमिरेट्स, ऑल निप्पॉन एयरवेज, जापान एयरलाइंस, लुफ्थांसा और ब्रिटिश एयरवेज ने अपनी कई उड़ानों को रद्द कर दिया है। दरअसल अमेरिका में 5 जी सेवाओं को शुरू करने से यह समस्या खड़ी हुई है। इस खतरे को देखते हुए अमेरिका के हवाई अड्डों से 474 फ्लाइंट रद्द हुई। इसी कड़ी में एयर इंडिया ने भी 8 उड़ाने रद्द कर दी थी।

क्या है मामला

असल में अमेरिका ने 2021 की शुरुआत में मोबाइल फोन कंपनियों के लिए मिड-रेंज 5जी बैंडविड्थ की नीलामी करीब 80 अरब डॉलर में की थी। जिसे 3.7-3.98 गीगा हर्ट्ज  रेंज में सी बैंड पर काम करना था। समस्या यही से शुरू हो गई। अमेरिका की टॉप एयरलाइन कंपनियों ने इस बात की आशंका जताई कि 5जी सर्विस की शुरुआत होते ही अमेरिका के  40 बड़े हवाई अड्डों के रेडियो अल्टीमीटर के संचालन रुक सकते हैं। अल्टीमीटर के काम नहीं करने पर हवाई अड्डों पर खराब मौसम की स्थिति में विमानों को उड़ाना खतरनाक हो जाएगा। ऐसे में बुधवार से शुरू हो रही 5जी सर्विस को देखते हुए दुनिया भर की एयरलाइन कंपनियों ने अमेरिका के कई शहरों में उड़ाना पर रोक लगा दी थी।

क्यों है खतरा

असल में एविएशन सेवाओं में अल्टीमीटर की हवाई अड्डों पर अहम भूमिका होती है।  जो कि 4.2-4.4 गीगा हर्ट्ज पर संचालित होते हैं। अब 5 जी सेवाएं भी अल्टीमीटर के बैंड के करीब है। इसीलिए विमान कंपनियों का कहना है कि अल्टीमीटर के सटीक संचालन में दिक्कत आ सकती है। अल्टीमीटर का इस्तेमाल खराब मौसम के समय उपयोगी होने के अलावा विमान की ऊंचाई पता लगाने में भी होता है। ऐसे में अगर वह काम नहीं करेगा तो मुश्किल खड़ी हो जाएगी।

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यूरोप-दक्षिण कोरिया में मुश्किल नहीं

अब सवाल उठता है कि जब अमेरिका में 5 जी से हवाई सेवाओं में बाधा का आशंका है तो यूरोप और दक्षिण कोरिया में क्यों नहीं हो रही है। इसका जवाब यह है कि यूरोपीय संघ में 5 जी सेवाएं 3.4-3.8 गीगा हर्ट्ज और दक्षिण कोरिया में 3.42-3.7 गीगा हर्ट्ज पर चल रही है। इसकी वजह से किसी भी देश में हवाई सेवाओं पर कोई असर नहीं पड़ा। 

राहत की खबर

हालांकि इस बीच अमेरिका में टेलीकॉम कंपनी एटी एंड टी और वेरिजॉन ने बुधवार को  5 जी सेवा शुरू की, जिसमें नई वायरलेस तकनीक के लॉन्च के बाद उड़ानों में कोई बड़ा व्यवधान नहीं देखा गया। इस खबर के बाद एयर इंडिया ने बृहस्पतिवार को कहा है कि "बोइंग ने एयर इंडिया को बी777 पर अमेरिका में ऑपरेशन  करने की मंजूरी दे दी है। उसके आधार पर पहली उड़ान आज सुबह जॉन एफ कैनेडी के लिए रवाना हुई है। दिन में जाने वाली अन्य उड़ानें शिकागो और सैन फ्रांसिस्को के लिए हैं। फंसे हुए यात्रियों को ले जाने की व्यवस्था पर काम किया जा रहा है। 

(एजेंसी इनपुट के साथ)

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