सरकार का बड़ा फैसला, अब निकाले जा सकेंगे लॉकडाउन में फंसे हुए प्रवासी मजदूर, छात्र और पर्यटक

MHA guidline on stranded people: केंद्रीय गृह मंत्रालय ने देश भर में अलग-अलग जगहों पर फंसे प्रवासी मजदूरों, पर्यटकों और छात्रों को निकाले जाने की छूट दे दी है। लॉकडाउन पर सरकार का यह बड़ा फैसला है।

Government big move MHA allows movement of migrant workers
लॉकडाउन पर सरकार का बड़ा फैसला।  |  तस्वीर साभार: PTI
मुख्य बातें
  • देश के अलग-अलग हिस्सों में फंसे है मजदूर, तीर्थयात्री, छात्र और पर्यटक
  • राज्यों को अपने नागरिकों को निकालने के लिए नियमों का पालन करना होगा
  • यात्रा शूरू करने से पहले होगी स्वास्थ्य जांच, गंतव्य पर पहुंचने पर फिर होगी स्क्रीनिंग

नई दिल्ली : केंद्रीय गृह मंत्रालय ने देश भर में अलग-अलग जगहों पर फंसे प्रवासी मजदूरों, पर्यटकों और छात्रों को निकाले जाने की छूट दे दी है। लॉकडाउन पर सरकार का यह बड़ा फैसला है। लॉकडाउन में देश के अलग-अलग जगहों पर बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर और छात्र फंसे हुए हैं। कई जगहों पर पर्यटक भी लॉकडाउन की पाबंदी का सामना कर रहे हैं। ऐसे में सरकार का यह कदम उन्हें काफी राहत देने वाला है। राजस्थान के कोटा में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले बिहार सहित अन्य राज्यों के छात्र फंसे हैं। 

नियमों का पालन करना होगा
राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों को जारी अपने निर्देश में गृह मंत्रालय ने कहा है कि लॉकडाउन की वजह से देश के अलग-अलग भागों में प्रवासी मजदूर, तीर्थयात्री, पर्यटक, छात्र और अन्य नागरिक फंसे हुए हैं। राज्यों को इन लोगों को निकालने के लिए कुछ नियमों का पालन करना होगा।

नोडल अधिकारियों की होगी नियुक्ति
गाइडलाइन में कहा गया है कि इन फंसे हुए लोगों को निकालने के लिए सभी राज्यों को नोडल अथॉरिटी की नियुक्त करनी होगी। साथ ही राज्यों को लोगों को प्राप्त करने और दूसरे राज्यों को देने पर एक मानक प्रोटोकॉल बनाना होगा। नोडल अधिकारी राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में फंसे लोगों का रिकॉर्ड रखेंगे। 

राज्यों को बनानी होगी आपसी सहमति
गाइडलाइन के मुताबिक दो राज्य यदि एक-दूसरे के यहां फंसे अपने नागरिकों वापस लेना चाहते हैं तो इसके पहले उन्हें आपसी सहमति बनानी होगी। साथ ही इन फंसे हुए लोगों को सड़क मार्ग से ले जाने की व्यवस्था करनी होगी। यात्रा शुरू करने से पहले व्यक्ति की स्क्रीनिंग की जाएगी। जांच में संक्रमण से मुक्त पाए जाने पर ही व्यक्ति को यात्रा करने की इजाजत दी जाएगी।

यात्रा शुरू करने से पहले होगी स्वास्थ्य जांच
सरकार की गाइडलाइन में आगे कहा गया है कि बसों में समूह यात्रा की इजाजत होगी लेकिन इन बसों को सेनिटाइज किया जाएगा और बैठने को लेकर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा। फंसे हुए लोगों के अपने गंतव्य स्थान पर पहुंचने पर उनके स्वास्थ्य की जांच स्थानीय चिकित्सा अधिकारी करेंगे। स्वास्थ्य अधिकारी को यदि लगता है कि व्यक्ति को क्वंरटाइन में रखने की जरूरत है तो ठीक होने तक उन्हें आइसोलेट रखा जाएगा। एक बार घर पहुंच जाने के बाद लोगों के स्वास्थ्य पर निगरानी रखने के लिए उनसे आरोग्य सेतु एप का इस्तेमाल करने के लिए कहा जा सकता है। 

शहरों में फंसे हैं प्रवासी मजदूर
बता दें कि कोरोना वायरस से संक्रमण फैलने से रोकने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 मार्च से देश भर में 21 दिनों के लॉकडाउन की घोषणा की। इस दौरान यातायात के सभी साधनों पर रोक लगा दी गई। ऐसे में दूसरे राज्यों में मौजूद लोग वही फंस गए। इन लोगों में प्रवासी मजदूर, तीर्थयात्री, छात्र और पर्यटक शामिल हैं। दिल्ली सहित कई शहरों से बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर पैदल अपने गृह राज्य के लिए रवाना हो गए। जबकि लाखों मजदूर अभी भी दिल्ली, मुंबई और बड़े शहरों में मौजूद हैं। सरकार के इस फैसले के बाद संबंधित राज्य अब अपने नागरिकों को निकाल सकेंगे।

राजस्थान कोटा में हैं कई राज्यों के छात्र
राजस्थान के कोटा में बिहार, पश्चिम बंगाल सहित कई राज्यों के छात्र फंसे हुए हैं। उत्तर प्रदेश सरकार यहां से अपने करीब 8000 छात्रों को बसों के जरिए निकाल चुकी है। पश्चिम बंगाल सरकार भी अपने छात्रों को निकालने की तैयारी में है। जबकि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि केंद्र सरकार जब तक लॉकडाउन के नियमों में संशोधन नहीं करती तब तक वह बिहार के छात्रों को कोटा से नहीं निकालेंगे। नीतीश कुमार के इस बयान के बाद कोटा में बिहार के छात्रों ने विरोध-प्रदर्शन किया। 

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