नई दिल्ली : सामाजिक न्याय की दिशा में सरकार ने दो बड़े कदम उठाए हैं। सरकार ने कहा है कि हाथ से सीवर एवं सेप्टिक टैंक की सफाई पर रोक लगाने के लिए वह कानून में बदवाल करेगी। जबकि सामाजिक न्याय मंत्रालय ने कहा है कि सीवर एवं सेप्टिक टैंक की सफाई मशीन से करने के लिए वह मौजूदा कानून में संशोधन करेगी। शहरी मामलों के मंत्रालय ने 'सफाईमित्र सुरक्षा चैलैंज' अभियान की शुरुआत की है ताकि कोई भी व्यक्ति सीवर या सेप्टिंक टैंक की सफाई हाथ से न करे।
पांच सालों में 800 सफाईकर्मियों की मौत हुई
सुप्रीम कोर्ट ने अपने कई फैसलों में हाथ से सीवर एवं सेप्टिक टैंक की सफाई करने से मना कर चुका है फिर भी यह काम जारी है। पिछले पांच वर्षों में सीवर एवं सेप्टिक टैंक की सफाई करते समय करीब 800 सफाईकर्मियों की मौत हो चुकी है। 'विश्व शौचालय दिवस' पर केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने गुरुवार को देश के 243 शहरों में 'सफाईमित्र सुरक्षा चैलेंज' अभियान का शुभारंभ किया। इस अभियान का उद्देश्य अगले साल 30 अप्रैल तक सभी सीवर और सेप्टिक टैंक सफाई अभियानों को मशीनीकृत करना है।
मौजूदा कानून में संशोधन करेगी सरकार
एक समारोह में सामाजिक न्याय एवं सशक्तिकरण मंत्रालय के सचिव आर सुब्रमण्यम ने कहा कि सीवर एवं सेप्टिक टैंकों की सफाई मशीनों से अनिवार्य करने के लिए मौजूदा कानून में संशोधन किया जाएगा। सुब्रमण्यम ने कहा कि मशीनों की खरीद के लिए मंत्रालय रकम निगमों एवं ठेकेदारों को नहीं बल्कि सफाईकर्मियों को उपलब्ध कराएगा। उन्होंने कहा, 'हम चाहते हैं कि सफाईकर्मी इन मशीनों को खरीदें ताकि जहां पर जरूरत हो, वहां इन मशीनों का इस्तेमाल निगम कर पाएं।'
वहीं, पुरी ने कहा, 'जिस तरह नागरिकों ने अपने शहरों की स्वच्छता का पूरा-पूरा जिम्मा ले लिया है, उसी तरह इस प्रयास में भी उनकी भागीदारी बेहद महत्वपूर्ण है। लोगों से अपील है कि वे सतर्क और जिम्मेदार रहें तथा 'स्वच्छता कमांडो' यानी सफाईकर्मियों के जीवन को बचाने में अपनी भूमिका निभाएं।'
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