Gyanvapi Masjid Case : ज्ञानवापी पर अहम सुनवाई से पहले हिंदू पक्ष के वकील विष्णु जैन का बयान, ASI सर्वे की मांग

Gyanvapi Masjid Case : वाराणसी की जिला अदालत में इस मामले की 35 दिनों बाद फिर सुनवाई शुरू हो रही है। गत 30 मई को सुनवाई के दौरान मुस्लिम पक्ष अपनी दलीलें पूरी नहीं कर पाया था जिसके बाद कोर्ट ने मामले की सुनवाई 4 जुलाई तक टाल दी।

Gyanvapi Masjid Case : Hindu side to demand ASI survey, Court to hear case today
ज्ञानवापी मामले में वाराणसी जिला अदालत में फिर सुनवाई। 
मुख्य बातें
  • ज्ञानवापी मस्जिद मामले की 35 दिनों के बाद वाराणसी की जिला अदालत में फिर सुनवाई
  • हिंदू समुदाय की पांच महिलाओं ने अपनी अर्जी में गौरी श्रृंगार की पूजा करने का अधिकार मांगा है
  • हिंदू पक्ष के वकील का कहना है कि मुस्लिम पक्ष की दलील पूरी होने के बाद वह अपना जवाब देंगे

Gyanvapi Masjid Case : वाराणसी की जिला अदालत में ज्ञानवापी मस्जिद विवाद में आज से फिर अहम सुनवाई शुरू हो रही है। हिंदू समुदाय की पांच महिलाओं की ओर से दायर अर्जी सुनवाई करने योग्य है या नहीं, कोर्ट इस पर अभी सुनवाई कर रहा है। हिंदू पक्ष का कहना है कि अर्जी की सुनवाई का केस जीतने के बाद वह परिसर में भारतीय पुरातत्व विभाग (ASI) के सर्वे की मांग पर फैसला करेगा। ज्ञानवापी पर हिंदू पक्ष ने नई मांग सामने रखी है। परिसर में एएसआई सर्वे की मांग की गई है। हिंदू पक्ष का कहना है कि वह एएसआई सर्वे की मांग पर अर्जी दायर करेगा।

ज्ञानवापी परिसर की सुरक्षा बढ़ाई गई
आज की सुनवाई को देखते हुए ज्ञानवापी परिसर के बाहर सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंंद कर दी गई है। वाराणसी की जिला अदालत में इस मामले की 35 दिनों बाद फिर सुनवाई शुरू हो रही है। गत 30 मई को सुनवाई के दौरान मुस्लिम पक्ष अपनी दलीलें पूरी नहीं कर पाया था जिसके बाद कोर्ट ने मामले की सुनवाई 4 जुलाई तक टाल दी। ज्ञानवापी पर दूसरे दौर की सुनवाई काफी अहम होने जा रही है। समझा जाता है कि मुस्लिम पक्ष एक से दो दिन में अपनी बहस पूरी करेगा और इसके बाद हिंदू पक्ष अपना जवाब देगा। हिंदू पक्ष का जवाब पूरा हो जाने के बाद कोर्ट अपना फैसला सुना सकता है। 

फैसले के बाद हिंदू पक्ष लेगा ASI सर्वे पर फैसला
इस बीच हिंदू पक्ष के वकील विष्णु जैन ने कहा कि मेनटेनबिलिटी पर जब मुस्लिम पक्ष की बहस पूरी हो जाएगी तब हम अपना पक्ष रखेंगे। अभी कोर्ट इस मामले की सुनवाई कर रहा है कि क्या इस केस में प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट लागू होता है या नहीं। हमारी अर्जी के 36 बिंदुओं को अभी मुस्लिम पक्ष ने पढ़ा है। जब वे अपनी बात पूरी कर लेंगे फिर हम अपना जवाब देंगे। अभी हमारा ध्यान अर्जी सुनवाई योग्य है, इस पर है। एक बार कोर्ट जब यह फैसला सुना देता है कि अर्जी सुनवाई योग्य है, फिर हम एएसआई सर्वे के बारे में विचार करेंगे। 

अयोध्या में ASI ने किया था सर्वे
बता दें कि अयोध्या पर आए फैसले में एएसआई का सर्वे अहम साक्ष्य साबित हुआ। 2003 में भारतीय पुरातत्व विभाग (एएसआई) ने अयोध्या में सर्वे किया था। इस सर्वे के आधार पर सुप्रीम कोर्ट ने राम मंदिर-बाबरी मस्जिद विवाद में नौ नवंबर 2019 को अपना फैसला सुनाया।

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