धर्म संसद हेट स्‍पीच केस में यति नरसिंहानंद गिरफ्तार, जितेंद्र त्‍यागी के बाद मामले में दूसरी गिरफ्तारी

धर्म संसद नफरत भाषण केस में हर‍िद्वार पुलिस ने यति नरसिंहानंद को गिरफ्तार किया है। यह इस मामले में जितेंद्र नारायण त्‍यागी के बाद मामले में दूसरी गिरफ्तारी है।

धर्म संसद हेट स्‍पीच केस में यति नरसिंहानंद गिरफ्तार
धर्म संसद हेट स्‍पीच केस में यति नरसिंहानंद गिरफ्तार  |  तस्वीर साभार: ANI

देहरादून : धर्म संसद हेट स्‍पीच केस में उत्‍तराखंड पुलिस ने यति नरसिंहानंद को गिरफ्तार कर लिया है। यह इस मामले में दूसरी गिरफ्तारी है। इससे पहले इस मामले में एक अन्‍य आरोपी जितेंद्र नारायण त्‍यागी को गिरफ्तार किया गया था, जो धर्म परिवर्तन से पहले वसीम रिजवी थे और शिया वक्फ बोर्ड का नेतृत्‍व कर चुके हैं। जितेंद्र त्‍यागी को हरिद्वार पुलिस ने गुरुवार को गिरफ्तार किया था, जिसके बाद अब इस मामले में यति नरसिंहानंद की गिरफ्तारी हुई है।

उत्तराखंड पुलिस ने शनिवार को यति नरसिंहानंद को हरिद्वार में धरना स्थल से उठाया और पुलिस थाने ले गई। पुलिस ने उन्हें वहां से उठाया, जहां वह मामले के एक अन्य आरोपी जितेंद्र नारायण त्यागी की हाल ही में हुई गिरफ्तारी के विरोध में धरना पर बैठे थे। जितेंद्र त्यागी और नरसिंहानंद दोनों धर्म संसद हेट स्‍पीच मामले में दर्ज FIR नामजद आरोपी हैं। पुलिस का कहना है कि इस मामले में आगे की कार्रवाई इस बात पर निर्भर करेगी कि जांच कैसे आगे बढ़ती है।

जितेंद्र त्‍यागी की हो चुकी है गिरफ्तारी

इस मामले में पुलिस ने गुरुवार को जितेंद्र त्‍यागी को गिरफ्तार किया था। त्‍यागी पर हरिद्वार में आयोजित 'धर्म संसद' में कथित अभद्र भाषा के इस्‍तेमाल का आरोप है। जितेंद्र त्‍यागी ने पिछले महीने ही हिंदू धर्म अपनाया था। इससे पहले वह इस्‍लाम धर्म के अनुयायी थे और उत्‍तर प्रदेश शिया वक्फ बोर्ड के अध्‍यक्ष भी रह चुके थे।

वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र त्यागी गिरफ्तार, हरिद्वार के 'धर्म संसद' में हेट स्पीच का मामला

धर्म संसद हेट स्‍पीच केस में 17 से 19 दिसंबर, 2021 के बीच हरिद्वार में यति नरसिंहानंद और दिल्ली में 'हिंदू युवा वाहिनी' द्वारा नफरत भरे भाषण दिए जाने का आरोप है। इस सिलसिले में सुप्रीम कोर्ट एक याचिका की सुनवाई करते हुए बुधवार को उत्तराखंड और दिल्ली पुलिस को नोटिस भी जारी किया थे, जिसमें अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ हिंसा भड़काने का आरोप लगाते हुए हरिद्वार धर्म संसद के भाषणों की स्वतंत्र जांच की मांग की गई थी। कोर्ट ने उत्तराखंड और दिल्ली पुलिस से इस मामले में 10 दिनों के भीतर जवाब देने को कहा है।

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