मोदी मंत्रिमंडल से हरसिमरत कौर का इस्तीफा, कैप्टन बोले-देर से उठाया गया छोटा कदम

Harsimrat Badal News: किसानों के लिए आ रहे नए अध्यादेश के विरोध में अकाली दल से मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने इस्तीफा दे दिया है। कौर ने इस अध्यादेश को किसान विरोधी बताया है।

Harsimrat Badal Quits Over Centres New Bills For Farmers
मोदी मंत्रिमंडल से हरसिमरत कौर का इस्तीफा, कैप्टन बोले-देर से उठाया गया छोटा कदम।  |  तस्वीर साभार: PTI
मुख्य बातें
  • कृषि संबंधी विधेयकों के विरोध में हरसिमरत कौर ने दिया इस्तीफा
  • पंजाब के सीएम अमरिंदर सिंह ने इसे अकाली दल का नाटक बताया
  • कांग्रेस सहित विपक्षी दल इन विधेयकों का कर रहे हैं विरोध

नई दिल्ली : किसानों के लिए आ रहे नए विधेयकों के विरोध में अकाली दल से मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने इस्तीफा दे दिया है। कौर ने इन विधेयकों को किसान विरोधी बताया है। उन्होंने गुरुवार को कहा कि वह किसान की बेटी एवं बहन के रूप में खड़ी होकर खुद को गौरवान्वित महसूस कर रही हूं। पंजाब के किसान इन अध्यादेशों एवं विधेयकों का विरोध कर रहे हैं जिसकी आंच अकाली दल तक पहुंचने लगी है। वहीं, कौर के इस्तीफे पर पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा है कि यह देरी से उठाया गया एक छोटा कदम है। 

एनडीए का हिस्सा है अकाली दल
बताया जाता है कि कौर कृषि से जुड़े इन विधेयकों का अकाली दल समर्थन करती आ रही थीं। हरसिमरत उस समिति का हिस्सा थीं जिसने इन विधेयकों को हरी झंडी दी। विधेयक पर लोकसभा में वोटिंग होने से ठीक पहले उन्होंने अपना इस्तीफा दे दिया। कौर के पति एवं पार्टी के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि अकाली दल सरकार को बाहर से समर्थन देना जारी रखेगा लेकिन वह 'किसान विरोधी राजनीति' का विरोध करेगा।

कैप्टन अमरिंदर ने अकाली दल पर साधा निशाना
कौर के इस्तीफे पर पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कहा है कि यह अकाली दल की एक और 'चालबाजी' है। पार्टी गठबंधन से अलग नहीं हुई है। अकाली दल ने किसानों की समस्याओं से चिंतित होकर यह कदम नहीं उठाया है बल्कि उसे अपनी राजनीति को लेकर चिंता है।  यह देरी से उठाया गया बहुत छोटा कदम है।

कांग्रेस सहित विपक्षी दल कर रहे इन विधेयकों का विरोध
अकाली दल एनडीए का हिस्सा है और उसके कोटे से हरसिमरत केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री हैं। इस बिल का विरोध कांग्रेस सहित कई विपक्ष के कई दल कर रहे हैं। विपक्ष का कहना है कि इन विधेयकों से जमाखोरी, कालाबाजारी को बढ़ावा मिलेगा तथा उद्योगपतियों एवं बिचौलियों को फायदा होगा जबकि किसान बर्बाद हो जाएंगे। जबकि भाजपा का कहना है कि कृषि सुधार के लिए इन विधेयकों को जरूरी बता रही है। 

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