Hate Speech: सोशल मीडिया के जरिए नफरत की राजनीति पर कांग्रेस- बीजेपी आमने सामने, आखिर क्या है माजरा

देश
ललित राय
Updated Aug 18, 2020 | 08:47 IST

क्या वास्तव में बीजेपी और आरएसएस सोशल मीडिया के जरिए नफरत की राजनीति को बढ़ावा देती है। दरअसल इसी सवाल पर कांग्रेस और बीजेपी एक दूसरे पर निशाना साध रहे हैं।

Congress, BJP face to face on the politics of hate through social media, what is the matter
शशि थरूर, सूचना प्रौद्योगिकी मामले की स्थाई समिति के अध्यक्ष 
मुख्य बातें
  • अमेरिकी अखाबर वाल स्ट्रीट जनरल में छपी रिपोर्ट के बाद कांग्रेस ने बीजेपी पर साधा निशाना
  • WSJ में छपा था कि बीजेपी और आरएसएस सोशल मीडिया के जरिए नफरत की राजनीति करते हैं।
  • आईटी मामलों की स्थाई समिति के अध्यक्ष शशि थरूर के सवाल उठाने पर बीजेपी सांसदों ने जताया ऐतराज

नई दिल्ली। अमेरिकी अखबार वाल स्ट्रीट जनरल के एक लेख से भारत में सियासत गरमा गई है। विरोधी दल खासतौर से कांग्रेस का कहना है कि फेसबुक और वाट्सऐप पर बीजेपी और आरएएस ने नियंत्रण कर लिया है और इसके जरिए नफरत फैलाने का काम हो रहा है। राहुल गांधी ने अपने ट्वीट में लिखा, "भारत में फेसबुक और वॉट्सऐप पर बीजेपी और आरएसएस का कब्जा है. इसके जरिये ये फेक न्यूज और नफरत फैलाते हैं और चुनाव को प्रभावित करने में भी इस्तेमाल करते हैं. आखिरकार अमेरिकी मीडिया फेसबुक का सच बाहर ले ही आई।  इस विषय पर विस्तार से बताएंगे कि किसने क्या कहा। लेकिन ताजा विवाद तब सामने आया जब कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने फेसबुक से जवाब मांग लिया। 

फेसबुक से शशि थरूर ने मांगा जवाब
सूचना प्रौद्योगिकी (IT) मामलों की संसदीय स्थायी समिति की अध्यक्षता करने वाले कांग्रेस नेता शशि थरूर ने इस मामले को लेकर फेसबुक से जवाब मांग लिया था। लेकिन समिति में शामिल एनडीए सांसदों का कहना है कि सदस्यों से बिना चर्चा के बैठक का एजेंडा समिति का अध्यक्ष नहीं तय कर सकता है। कांग्रेस नेता शशि थरूर ने ट्वीट कर कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी पर संसदीय स्थायी समिति निश्चित रूप से इन रिपोर्टों के बारे में फेसबुक का जवाब जानना चाहती है. समिति यह जानना चाहती है कि भारत में हेट स्पीच को लेकर उनका क्या प्रस्ताव है। 

थरूर के समर्थन में महुआ मोइत्रा
शशि थरूर के समर्थन में टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने अपने ट्विटर हैंडल पर एक लेटर शेयर करते हुए लिखा कि वो आईटी कमेटी की सदस्य हैं. इस साल के शुरुआत में ही एजेंडा आइटम को लेकर सहमति बन गई थी और स्पीकर की सहमति से विज्ञप्ति भी तैयार भी था कि कब कौन से किस विषय पर चर्चा होगी और किसे बुलाया जाएगा। चेयरमेन का विशेषाधिकार है. आश्चर्य है कि बीजेपी कैसे फेसबुक के इंटरेस्ट के लिए उछल-कूद कर रही है.'

बिना सदस्यों के साथ चर्चा थरूर नहीं तय कर सकते एजेंडा
थरूर के ट्वीट पर बीजेपी नेता निशिकांत दुबे ने आरोप लगाते हुए कहा कि स्थायी समिति के चेयरमैन के पास अपने सदस्य के साथ एजेंडा की चर्चा के बिना कुछ भी करने का अधिकार नहीं है। ये मुद्दे संसदीय समिति के नियमों के मुताबिक उठाए जा सकते हैं। लेकिन शशि थरूर राहुल गांधी का एजेंडा फैलाना बंद करें।

रविशंकर प्रसाद ने राहुल गांधी पर साधा निशाना
इससे पहले केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने तुरंत ही राहुल गांधी केआरोप पर पलटवार करते हुए कहा था कि हारे हुए लोग जो अपनी ही पार्टी के लोगों को प्रभावित नहीं कर सके वो कह रहे हैं कि पूरी दुनिया बीजेपी और आरएसएस द्वारा नियंत्रित है. आपको चुनाव से पहले डेटा को हथियार बनाने के लिए कैंब्रिज एनालिटिका और फेसबुक के साथ गठजोड़ करते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया था और वो आज हमसे ही सवाल कर रहे हैं?"

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