हाथरस केस : CBI ने दायर किया आरोप-पत्र, चारों अभियुक्‍तों पर सामूहिक दुष्‍कर्म, हत्‍या के संगीन आरोप

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Updated Dec 18, 2020 | 16:40 IST | भाषा

यूपी के हाथरस में 19 साल की दलित युवती के साथ सामूहिक दुष्‍कर्म व हत्‍या के मामले की जांच कर रही सीबीआई ने इस मामले में आरोप-पत्र दाखिल किया है, जिसमें चार अभियुक्‍तों पर संगीन आरोप लगाए हैं।

हाथरस केस : CBI ने दायर किया आरोप-पत्र, चारों अभियुक्‍तों पर सामूहिक दुष्‍कर्म, हत्‍या के संगीन आरोपहाथरस केस : CBI ने दायर किया आरोप-पत्र, चारों अभियुक्‍तों पर सामूहिक दुष्‍कर्म, हत्‍या के संगीन आरोप
हाथरस केस : CBI ने दायर किया आरोप-पत्र, चारों अभियुक्‍तों पर सामूहिक दुष्‍कर्म, हत्‍या के संगीन आरोप  |  तस्वीर साभार: BCCL

नई दिल्ली : उत्तर प्रदेश के हाथरस में 19 वर्षीय एक दलित युवती से कथित सामूहिक बलात्कार एवं उसकी हत्या के मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने चार आरोपियों के खिलाफ शुक्रवार को आरोपपत्र दाखिल किया। आरोपियों के वकील ने अदालत के बाहर संवाददाताओं को बताया कि केंद्रीय जांच एजेंसी ने संदीप, लवकुश, रवि और रामू के खिलाफ सामूहिक बलात्कार एवं हत्या के आरोप लगाए हैं तथा हाथरस में स्थानीय अदालत ने संज्ञान लिया है।

उल्लेखनीय है कि हाथरस में इस दलित युवती से अगड़ी जाति के चार व्यक्तियों ने 14 सितंबर को कथित तौर पर बलात्कार किया था। इलाज के दौरान 29 सितंबर को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में पीड़िता की मौत हो गई थी। इसके बाद उसकी 30 सितंबर की रात उसके घर के पास रात में अंत्येष्टि कर दी गई थी। युवती के परिवार ने आरोप लगाया था कि स्थानीय पुलिस ने आनन-फानन में अंत्येष्टि करने के लिए उन पर दबाव डाला था। हालांकि, स्थानीय पुलिस अधिकारियों ने कहा, 'अंत्येष्टि परिवार की इच्छा के अनुसार की गई।'

न्‍यायिक हिरासत में हैं आरोपी

अधिकारियों ने बताया कि जांच एजेंसी ने मामले के आरोपियों- संदीप, लवकुश, रवि और रामू- की भूमिका पर गौर किया है, जो न्यायिक हिरासत में हैं। उन्होंने बताया कि गुजरात के गांधीनगर स्थित प्रयोगशाला (लैबोरेट्री) में आरोपियों की विभिन्न फोरेंसिक जांच भी की गई है। सीबीआई के जांचकर्ता जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के चिकित्सकों से भी मिले। कथित सामूहिक बलात्कार की घटना के बाद पीड़िता को इसी अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

इस मामले को लेकर उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार को व्यापक स्तर पर आलोचना का सामना करना पड़ा था। बाद में, यह मामला सीबीआई को हस्तांतरित कर दिया गया। सीबीआई ने घटना की जांच के लिए एक टीम गठित की और जांच कार्य अपनी गाजियाबाद (उप्र) इकाई को सौंपा था। टीम, पीड़िता के परिवार के सदस्यों के बयान दर्ज कर चुकी है।

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