नई दिल्ली। उसने जब अपनी आंखें इस हसीन संसार में खोली होगी तो तकदीर ने उस शख्स के आगे का रास्ता पहले ही मुकर्रर कर दिया होगा। न जाने किस हाल में वो जीता रहा होगा। हो सकता है कि वो व्यवस्था का शिकार न रहा हो या हो सकता है कि उसके पास इतनी ताकत न रही हो कि वो खुद के लिए कभी लड़ पाया हो। यह सब उस शख्स का परिचय है जो दिल्ली जयपुर हाईवे पर जयपुर के पास कुछ खाते मिला। लेकिन जब आपको पता चलेगा कि वो शख्स इतना भूखा था कि उसे मरा हुआ कुत्ता निवाला नजर आने लगा तो यकीन मानिए कि इस व्यवस्था की चादर में इतने छेद नजर आएंगे कि आप सिर्फ और सिर्फ सोचते रह जाएंगे कि क्या यही 21वीं सदी का भारत है।
दिल्ली-जयपुर हाईवे पर जयपुर के पास वो शख्स कौन था। क्या वो कोई प्रवासी मजदूर था या वो कोई शहर के आसपास का ही रहने वाला शख्स था। इसके बारे में खास जानकारी नहीं है। लेकिन जो तस्वीर सामने आई वो व्यस्था पर सवाल उठाती है कि एक तरफ तो हमारे गोदाम अनाज से भरे हैं, एक तरफ सरकारें गरीबों और बेसहारों की मदद के लिए सामने आई है। लेकिन उस एक तस्वीर ने गुलाबी नगरी जयपुर की चुनरिया पर ऐसी दाग लगा दी जिसका जवाब शायद राजस्थान सरकार के पास हो। अगर जवाब होगा भी तो वो प्रशासनिक शब्दावली की चाशनी में इस तरह डूबी होगी कि शायद सामान्य लोगों के समझ में न आए।
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