नई दिल्ली: कोरोना वायरस की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की कमी से हुई मौतों की आंकड़ों लेकर केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार आमने-सामने हो गई हैं। पहले दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि केंद्र से ऐसी कोई चिट्ठी नहीं आई है, जिसमें ऑक्सीजन की कमी से हुई मौतों के बारे में पूछा गया हो। अब इस पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने पलटवार किया है। उन्होंने कहा है कि दिल्ली को ऑक्सीजन की कमी से होने वाली मौतों पर डेटा साझा करने के लिए कहा गया था।
मनसुख मंडाविया ने ट्वीट कर लिखा, 'माननीय सिसोदिया जी, 26 जुलाई को मेरे मंत्रालय ने दिल्ली सरकार को जो मेल भेजा है, ये रही उसकी कॉपी। अभी भी देरी नहीं हुई है! 13 अगस्त तक आप डेटा भेज सकते हैं ताकि हम प्रश्न का उत्तर संसद को भेज सकें। अपने अधिकारियों से समीक्षा करके जरूरी डाटा जल्द से जल्द भिजवाने की कृपा करें।'
इससे पहले मनीष सिसोदिया ने कहा था कि मोदी सरकार कह रही है कि उन्होंने राज्यों से ऑक्सीजन से हुई मौतें पर रिपोर्ट मांगी। लेकिन इस मामले में केंद्र से दिल्ली सरकार को कोई चिट्ठी नहीं आई! आप राज्यों से पूछोगे नहीं, राज्यों को जाँच नहीं करने दोगे और आप कह दोगे कि राज्य बता नहीं रहे?
इससे पहले पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा, 'अमृतसर के एक निजी अस्पताल में शुरुआत में छह लोगों की मौत हो चुकी थी, जब ऑक्सीजन की कमी हो गई थी। बस इतना ही। हमने 70 टन ऑक्सीजन का उत्पादन किया और 300 टन की आवश्यकता थी। अब हम 400 टन ऑक्सीजन का उत्पादन करते हैं। अब कोई समस्या नहीं है।'
स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा था कि राज्यों से ऑक्सीजन की कमी से होने वाली मौतों के बारे में पूछा गया है। अब तक कि रिपोर्टों के अनुसार, एक राज्य ने हमें एक संदिग्ध मामले के बारे में सूचित किया है। अब तक हमें रिपोर्ट भेजने वाले सभी राज्यों ने हमें यह नहीं बताया है कि उन्होंने विशेष रूप से ऑक्सीजन के कारण मौत की सूचना दी है।
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