नई दिल्ली : केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय तंबाकू सेवन की उम्र 18 से बढ़ा कर 21 साल करने और नियमों का उल्लंघन करने पर जुर्माना भी बढ़ाने पर विचार कर रहा है। सरकार की कोशिश सिगरेट एवं अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम (सीओटीपीए) के प्रावधानों को मजबूत करने की है।
एक अधिकारी ने बताया, 'ज्यादातर लोग धूम्रपान करना अपनी युवा अवस्था में शुरू करते हैं, खासकर तब जब वे स्कूल या कॉलेज में होते हैं। 18 से 21 साल की उम्र के युवा जल्दी प्रभाव में आते हैं और ज्यादातर अपने साथियों के दबाव में या फैशन के कारण सिगरेट पीना शुरू कर देते हैं। तंबाकू उद्योग का लक्ष्य यही युवा होते हैं।'
उन्होंने बताया, '(तंबाकू सेवन) की कानूनी आयु 21 साल करने से उन युवाओं की संख्या में खासी कमी आएगी जो हर साल तंबाकू का सेवन शुरू करते हैं। यहां तक की माता-पिता भी 21 वर्ष से कम उम्र के अपने बच्चों को ये उत्पाद खरीदने के लिए दुकानों पर नहीं भेज पाएंगे।'
गौरतलब है कि मंत्रालय ने हाल में अपनी बैठक के दौरान तंबाकू नियंत्रण के लिए कानूनी सुधार के वास्ते एक विधि उप-समूह गठित की थी। अधिकारी ने बताया कि समिति ने तंबाकू सेवन की कानूनी आयु बढ़ाने के साथ ही नियमों का उल्लंघन करने पर जुर्माना भी बढ़ाना की सिफारिश की है।
साथ में सिगरेट और तंबाकू उत्पादों के अवैध कारोबार को रोकने के लिए निगरानी तंत्र बनाने का प्रावधान लाने की भी अनुशंसा की है। उन्होंने बताया कि इस तंत्र के तहत, विनिर्माण इकाई में तंबाकू उत्पादों पर एक बार कोड लगाया जाएगा, जिससे प्रवर्तन एजेंसियों को यह पता लगाने में मदद मिलेगी कि उत्पाद कानूनी है और इसका उचित कर दिया गया है या नहीं।
मंत्रालय प्रतिबंधित क्षेत्रों में ध्रूम्रपान करने पर जुर्माने को भी बढ़ाने पर विचार कर रहा है। यह अर्थदंड अभी 200 रुपये तक लगता है। सीओटीपीए के तहत सार्वजनिक स्थानों पर सिगरेट पीना, शिक्षण संस्थानों के 100 यार्ड के दायरे में सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद बेचने और 18 साल से कम आयु के शख्य को तंबाकू उत्पाद बेचने की मनाही है।
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