Karnataka Hijab Row: कर्नाटक में हिजाब को लेकर बवाल, HC ने कहा- छात्रों पर हमला, नारेबाजी ठीक नहीं

Karnataka Hijab Row : मामले में याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ वकील देवदत्त कामत ने कहा कि हिजाब पहनना मुस्लिम संस्कृति का आवश्यक हिस्सा है। जबकि एडवोकेट जनरल ने कोर्ट को बताया कि स्कूल में बच्चों का यूनिफॉर्म क्या होना चाहिए।

Hijab row:  Karnataka High Court says - we will go by reason not by passion or emotions
हिजाब विवाद मामले में कर्नाटक हाई कोर्ट में हुई सुनवाई। 
मुख्य बातें
  • शिमोगा में एक स्कूल में एक हिजाब पहनी लड़की को कुछ लड़कों ने घेर लिया
  • भगवा पगड़ी पहने लड़कों ने जय श्री राम के नारे लगाए
  • हिजाब पहनी लड़की से अल्लाह हू अकबर के नारे लगाए

बेंगलुुरु : कर्नाटक में हिजाब और भगवा स्कॉर्प पहनने को लेकर महाभारत मचा हुआ है। इस मजहबी लड़ाई की आग अब देश के दूसरे शहरों में भी पहुंच रही है। फिलहाल कर्नाटक में सभी हाईस्कूल तीन दिन के लिए बंद कर दिए गए हैं लेकिन हिजाब और भगवा स्कॉर्प को लेकर सियासत भी जमकर हो रही है कांग्रेस और बीजेपी एक दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं। इस मसले पर कर्नाटक हाई कोर्ट में भी सुनवाई हुई। हाई कोर्ट ने कहा कि हम तर्क और कानून से जाएंगे, जुनून या भावनाओं से नहीं। संविधान जो कहता है, हम उस पर चलेंगे। हमारे लिए संविधान भगवद गीता है।

एडवोकेट जनरल ने कर्नाटक हाई कोर्ट से कहा कि कॉलेजों को यूनिफॉर्म तय करने की स्वायत्तता दी है। जो छात्र छूट चाहते हैं वे कॉलेज विकास समिति से संपर्क करेंगे। याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता देवदत्त कामत का कहना है कि स्कार्फ पहनना मुस्लिम संस्कृति का एक अनिवार्य हिस्सा है। कामत का कहना है कि अगर कुछ गुंडे कुछ कर रहे हैं, तो यह सुनिश्चित करना राज्य का कर्तव्य है कि ये छोटी लड़कियां शांति से कॉलेज जा सकें। कुछ देश 'नकारात्मक धर्मनिरपेक्षता' की अवधारणा का पालन करते हैं जो सार्वजनिक रूप से धार्मिक पहचान के प्रदर्शन की अनुमति नहीं देता है। भारत में धर्मनिरपेक्षता अलग है, हम सकारात्मक धर्मनिरपेक्षता का अभ्यास करते हैं। हमारी धर्मनिरपेक्षता सम्मान पर आधारित है... राज्य सभी धर्मों का सम्मान करता है।

कर्नाटक उच्च न्यायालय का कहना है कि सिखों के मामले में इसे न केवल भारतीय बल्कि कनाडा और यूके की अदालतों ने एक आवश्यक धार्मिक अभ्यास माना है। कर्नाटक हाई कोर्ट ने नोट किया कि आंदोलन करना, सड़क पर जाना, नारेबाजी करना, छात्रों पर हमला करना, छात्रों का दूसरों पर हमला करना, ये अच्छी चीजें नहीं हैं। अगर हम टीवी पर आग और खून देखते हैं, तो जज परेशान हो जाएंगे। मन अशांत होगा तो बुद्धि काम नहीं करेगी। हाई कोर्ट ने छात्रों से शांति बनाए रखने की अपील की ताकि जनता परेशान न हो। हाई कोर्ट का कहना है कि उसे बड़े पैमाने पर जनता के ज्ञान और गुणों पर पूरा भरोसा है और उसे उम्मीद है कि इसका पालन किया जाएगा। 

कांग्रेस का पक्ष

संविधान में धर्म को मानने का अधिकार 
धर्म के मुताबिक कपड़े पहने जा सकते हैं
हिजाब पर रोक छात्राओं की स्कूल में एंट्री पर रोक
छात्राओं के मौलिक अधिकारों का हनन

बीजेपी का पक्ष

शिक्षा व्यवस्था के 'तालिबानीकरण' की इजाजत नहीं
क्लास में हिजाब की इजाजत नहीं
कॉलेज नियमों का पालन करना होगा
स्कूल कॉलेज सिर्फ शिक्षा के लिए हैं
धर्म स्कूल-कॉलेज का हिस्सा नहीं

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