हाल ही में उत्तर प्रदेश में AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी पर हुए हमले को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में बयान दिया है। उन्होंने कहा कि दो अज्ञात लोगों ने काफिले पर फायरिंग की थी। वह सुरक्षित बच गए लेकिन उनके वाहन के निचले हिस्से पर गोली के 3 निशान थे। इस घटना को तीन गवाहों ने देखा। एफआईआर दर्ज की गई है।
शाह ने आगे कहा कि ओवैसी का हापुड़ जिले में कोई पूर्व निर्धारित कार्यक्रम नहीं था, उनके मूवमेंट की कोई सूचना जिला नियंत्रण कक्ष को पहले नहीं भेजी गई थी। घटना के बाद वह सकुशल दिल्ली पहुंच गए। त्वरित कार्रवाई करते हुए दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया, उनके पास से दो अनधिकृत पिस्तौल और एक ऑल्टो कार बरामद की गई। फोरेंसिक टीम कार और घटना स्थल की सूक्ष्म जांच कर रही है, साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं।
गृह मंत्री ने कहा कि गृह मंत्रालय ने तुरंत राज्य सरकार से रिपोर्ट ली। केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों से पहले मिली जानकारी के आधार पर केंद्र ने उन्हें सुरक्षा मुहैया कराने का आदेश दिया था। लेकिन सुरक्षा लेने में उनकी अनिच्छा के कारण दिल्ली और तेलंगाना पुलिस की उन्हें सुरक्षा मुहैया कराने की कोशिशें नाकाम रहीं। ओवैसी को कितना खतरा है इसका फिर से आकलन किया गया है और उन्हें एक बुलेटप्रूफ वाहन और जेड श्रेणी की सुरक्षा दी गई है। लेकिन, मौखिक जानकारी के अनुसार उन्होंने इसे स्वीकार करने से इनकार कर दिया है। मैं उनसे केंद्र सरकार द्वारा उन्हें दी गई सुरक्षा को स्वीकार करने का अनुरोध करता हूं।
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तीन फरवरी को शाम लगभग 5:20 बजे ओवैसी मेरठ के किठौर से जनसंपर्क कार्यक्रम करने के बाद दिल्ली लौट रहे थे और जब उनका काफिला छिजारसी टोल प्लाजा, पिलखुवा से गुजर रहा था तो दो अज्ञात व्यक्तियों के द्वारा उनके काफिले पर गोलियां चलाई गई।
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