बीमार मां का डायलिसिस कराने पहुंचा था बेटा, अस्पताल ने कहा- पहले कोरोना टेस्ट कराओ, तोड़ा दम

देश
प्रभाष रावत
Updated Apr 18, 2020 | 11:57 IST

Woman dies after Hospital refuse dialysis: अस्पताल में सही समय पर ईलाज न मिलने से एक बुजुर्ग महिला ने दम तोड़ दिया। अस्पताल ने डायलिसिस से पहले कोविड-19 टेस्ट की शर्त रखी और एंबुलेंस भी उपलब्ध नहीं करा सके।

Woman dies due to delay in treatment
प्रतीकात्मक तस्वीर  |  तस्वीर साभार: Representative Image
मुख्य बातें
  • सही समय पर ईलाज नहीं मिलने की वजह से बुजुर्ग महिला ने गंवाई जान
  • डायलिसिस से पहले रखी COVID-19 टेस्ट की मांग
  • सरकारी अस्पताल ले जाने के लिए नहीं मिली एंबुलेंस, देरी ने ली जान

नोएडा: कोरोना महामारी के बीच एक दुखद घटना सामने आई है जहां नोएडा निवासी एक बुजुर्ग महिला की सही समय पर डायलिसिस नहीं मिलने की वजह से मौत हो गई। गुरुवार को शहर के एक अस्पताल में भर्ती होने के बाद बुजुर्ग ने अंतिम सांस ली। महिला के डायलिसिस में इसलिए देरी हुई क्योंकि ईलाज से पहले अस्पताल ने कोरोना वायरस कराने की मांग रख दी।

निजी अस्पताल के डॉक्टरों ने दावा किया कि 50 वर्षीय महिला कोरोनो वायरस के लक्षण दिखाई दे रहे थे। अस्पताल ने स्वास्थ्य विभाग के निर्देशों का हवाला दिया कि किसी भी मरीज में लक्षण दिखने के बाद उसे सरकारी स्वास्थ्य केंद्र में भेजा जाना चाहिए।

टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, पीड़िता, केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में एक अधिकारी की मां है।जनवरी 2020 में किडनी फेल हो जाने के बाद वह अस्पताल में नियमित डायलिसिस से गुजर रही थीं।

महिला के बेटे राजू ने मामले पर बोलते हुए कहा, 'सोमवार को डायलिसिस के बाद उनकी तबियत ठीक थी, लेकिन बाद में उन्हें सांस लेने में तकलीफ होने लगी। हमने तुरंत एक एम्बुलेंस की व्यवस्था की और उन्हें अस्पताल ले गए। गेट पर, अस्पताल के कर्मचारियों ने उसका तापमान चेक किया और हमने उन्हें डायलिसिस यूनिट में भर्ती कराया। इमरजेंसी के एक डॉक्टर ने बताया कि मेरी मां का तापमान बहुत ज्यादा है और उन्हें सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। और इसलिए हमें उनका COVID-19 टेस्ट करवाने के लिए कहा गया।'

अस्पताल में नहीं मिली एंबुलेंस: राजू ने आरोप लगाया कि अस्पताल ने उनकी मां को सरकारी अस्पताल ले जाने के लिए एम्बुलेंस की व्यवस्था नहीं की।

उन्होंने कहा, 'मैंने 102 और 108 सेवाओं को भी कॉल किया, लेकिन ड्राइवर भ्रमित थे कि जनरल एंबुलेंस भेजी जाए या COVID-19- एंबुलेंस। आखिरकार, मैंने अपनी मां को घर लाने का फैसला किया। मैंने अपने हाउसिंग सोसाइटी के मैनेजर को फोन किया जिसने मां को घर लाने के लिए कार भेजी।'

देरी की वजह से महिला की मौत: बाद में, महिला के बेटे ने सोसाएटी के परिचित डॉक्टरों से सुझाव मांगे और यह निर्णय लिया कि वह मां को COVID-19 परीक्षण के लिए ले जाएंगे। लेकिन गुरुवार को ही सुबह करीब 5 बजे बुजुर्ग महिला की मौत हो गई।

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